वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. हवाई सेवा को लेकर लगाई गई जनहित याचिका मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान बिलासपुर एयरपोर्ट के 4C लाइसेंस और नाइट लैंडिंग के पूर्ण होने का स्टेटस पूछा गया. कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से इस एयरपोर्ट को विकासित करने के लिए ली गई जमीन के बारे में भी जानकारी ली. सरकार की तरफ से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इसको लेकर शपथ पत्र भी मंगलवार को दाखिल किया. वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से भी अधिवक्ता ने नाइट लैंडिंग में हो रही देरी के बारे में अपना पक्ष रखा.

सुनवाई के दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के वकील ने बताया कि नाइट लैंडिंग को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. वहीं कुछ कारणवश साउथ कोरिया से आने वाले उपकरण की जल्द से आपूर्ति से काम शुरू हो जाएगा. कोर्ट ने इसको लेकर शपथ पत्र में जवाब मांगा है. छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में मंगलवार को शपथ पत्र दाखिल किया गया.

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा 4c लाइसेंस के तहत होने वाले काम का डीपीआर 8 हफ्तों में बना लिया जाएगा और क्रियान्वयन कर लिया जाएगा. कोर्ट ने 286.67 एकड़ जमीन को लेकर सवाल पूछे, जिस पर याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि ये जमीन जिला प्रशासन से सिविल एविएशन एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर को ट्रांसफर करना है, जो अब तक नहीं हुआ. सरकार का पक्ष रखने वाले वकील ने बताया प्रक्रिया शुरू है. रक्षा मंत्रालय से जमीन की राशि को लेकर कुछ समस्या है, लेकिन इसका विकास में कोई रोड़ा नहीं आएगा. 27 सितंबर 2024 को पिछली सुनवाई में नाइट लैंडिंग को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगा गया था, जिस आदेश के परिपालन की जानकारी ली. अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर का समय निर्धारित किया गया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की बेंच में हुई.

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