बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाते हुए गाइडलाइंस की ‘लक्ष्मण रेखा’ खींच दी है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 15 निर्देश भी दिए हैं. अब कोर्ट ने इस मामले पर ये साफ कर दिया है कि ये फैसला किन मामलों में लागू होगा और किनमें नहीं.

अदालत के मुताबिक गली, फुटपाथ, रेलवे लाइन से सटे या किसी नदी या जल निकाय पर अनाधिकृत कब्जे पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश लागू नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “हम साफ करते हैं कि ये निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे, जहां सड़क, गली, फुटपाथ, रेलवे लाइन से सटे या किसी नदी या जल निकाय जैसे किसी सार्वजनिक स्थान पर कोई अनाधिकृत संरचना है.” इसके अलावा कोर्ट ने आगे कहा कि ये फैसला उन मामलों में भी लागू नहीं होंगा, जहां न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया है.

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अफसर जज नहीं बन सकते- सुप्रीम कोर्ट

बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ये आदेश किसी एक राज्य के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है. कोर्ट ने कहा है कि किसी का घर सिर्फ इस आधार पर नहीं तोड़ा जा सकता कि वह किसी आपराधिक मामले में दोषी या आरोपी है. हम सरकारी शक्तियों के दुरुपयोग को मंजूरी नहीं दे सकते. ऐसा हुआ तो देश में अराजकता आ जाएगी. कोर्ट ने कहा कि अफसर जज नहीं बन सकते. वे तय न करें कि दोषी कौन है.

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