प्राथमिक स्वास्थ्य से जुड़े नेशनल आयुष मिशन पर उत्तराखण्ड की प्रगति की केंद्र सरकार ने सराहना की है. केंद्र सरकार का मानना है कि उत्तराखण्ड दिए गए लक्ष्यों की पूर्ति के लिए बेहतर काम कर रहा है. वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो के सिलसिले में देहरादून आए केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने शुक्रवार को मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि नेशनल आयुष मिशन के तहत देश भर में प्राथमिक स्तर पर जन स्वास्थ्य को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. इस दिशा में उत्तराखण्ड का अच्छा काम है. उन्होंने बताया कि इस मिशन के अंतर्गत आयुष मंत्रालय ने हाल ही में देश भर में दस हजार से ज्यादा ऐसे कैंप आयोजित किए जो बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित थे. इसमें भी उत्तराखण्ड का काम सराहनीय रहा.
वैद्य कोटेचा ने कहा कि पिछले दस वर्ष में देश में आयुष के संबंध में क्रांतिकारी प्रगति हुई है. उन्होंने इस संबंध में आंकड़ों के जरिये अपनी बात को पुख्ता किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले आयुष की टेली मेडिसन सुविधा 19 देशों में उपलब्ध थी, जो कि अब बढ़कर 84 देशों में हो गई है. आयुष निर्यात पहले डेढ़ सौ देशों में था, जिसमें ढाई गुना की वृद्धि दर्ज हुई है.
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नेशनल आयुष मिशन के तहत वर्तमान में उत्तराखण्ड में ठोस कार्यों की शुरुआत हुई है. 50 बेड के चार आयुष चिकित्सालयों पर काम आगे बढ़ा है, जो कि जाखणीधार (टिहरी), हल्द्वानी, टनकपुर और कोटद्वार में निर्मित किए जाने हैं. इसी तरह, 10 बेड के दो आयुष चिकित्सालय पथरी (हरिद्वार) और भीमताल में निर्मित होने हैं. विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन चिकित्सालयों की खास तौर पर चर्चा की थी. साथ ही कहा था कि आयुष सुविधाओं के विस्तार के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं.
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