बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक पाकिस्तानी महिला ने सरकारी नौकरी हथिया ली और 9 साल तक बिना किसी रोक-टोक के शासकीय सुख सुविधाओं का फायदा उठाती रही। जब इस मामले का खुलासा हुआ तो सभी के होश उड़ गए। महिला की पहचान शुमायला खान के रुप में हुई है। महिला फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के माधोपुर में सहायक अध्यापक के रूप में तैनात थी। मामले का खुलासा होने के बाद से ही महिला फरार चल रही है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
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यह पूरा मामला बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र का है। जहां, पाकिस्तानी महिला ने रामपुर के पते पर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया था। इसी के आधार पर वह पिछले नौ सालों से बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर के रुप में सेवाएं दे रही थी। रामपुर तहसीलदार की जांच पड़ताल में इस पूरी जालसाजी का खुलासा हुआ। तहसीलदार द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि शुमायला खान का निवास प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी है। इस बनाने के लिए सारे नियम कानूनों का उल्लंघन किया गया है। महिला पाकिस्तान की नागरिक हैं और उसने जो भी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे सारे के सारे झूठे है।
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शुमायला खान पर जालसाजी से सरकारी नौकरी लेने का आरोप है। जांच रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा विभाग ने 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला खान को सहायक अध्यापक के पद से बर्खास्त कर दिया। खंड शिक्षाधिकारी ने महिला के खिलाफ FIR कराया है। केस दर्ज होने के बाद शुमायला खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है लेकिन उसका कहीं अता-पता नहीं चल रहा है। पुलिस ने बताया कि 6 नवंबर 2015 को उसकी नियुक्ति हुई थी। पूरे प्रदेश में इस केस की चर्चा हो रही है। साथ ही शिक्षा विभाग के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है कि कैसे कोई भी फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर सरकारी सिस्टम को धोखा दे सकता है।
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