वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर. बिलासपुर के तालापारा स्थित स्कूल परिसर हादसे पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने तीन साल की बच्ची की मौत को बेहद गंभीर मामला बताते हुए तीखे सवाल उठाए. नाराज चीफ जस्टिस ने कहा- आंगनबाड़ी परिसर में डीजे का सामान क्यों रखा गया, क्या वहां नाच-गाना होता है. इस पर शासन की ओर से बताया गया कि एक आंगनबाड़ी कर्मचारी का रिश्तेदार डीजे संचालक है और उसी का सामान वहां रखा गया था. चीफ जस्टिस ने इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मासूम की मौत हुई है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.


कोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर से व्यक्तिगत जवाब-तलब कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. साथ ही यह भी पूछा गया है कि पीड़ित परिवार को अब तक क्या मुआवजा और सहायता दी गई. कोर्ट ने साफ कहा कि हमारी नजर में आया तो किसी को नहीं छोड़ेंगे. मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.
बता दें, कि बीते 14 अगस्त की सुबह 3 साल की मुस्कान महिलांगे तालापारा घोड़ादाना स्कूल परिसर में बने आंगनबाड़ी के आसपास में बच्चों के साथ खेल रही थी. तभी डीजे संचालक रोहित देवांगन द्वारा लापरवाही से दीवार पर टिकाकर रखे गए लोहे के पाइपों में से एक पाइप अचानक गिर गया, जो उसके सिर पर लगा. गंभीर चोट लगने पर उसे जिला अस्पताल और फिर सिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस जांच में हादसे की वजह लापरवाही को बताया गया है. पुलिस ने आरोपी डीजे संचालक रोहित देवांगन और उसके सहयोगियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 106, 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया है. रोहित स्कूल चौकीदार का पोता है और परिसर के भीतर ही सामान रखता था.
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