धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बिलाई माता (मां विंध्यवासिनी) का अनोखा मंदिर है, यह मंदिर न केवल आस्था का प्रमुख केंद्र है बल्कि अपनी अद्भुत कथा और रहस्यमय परंपराओं के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर का नाम और उसकी स्थापना की कथा विशेष रूप से बिल्लियों से जुड़ी है, जो इसे अन्य धार्मिक स्थलों से अलग पहचान दिलाती है। जंगलों के बीच धरती से निकली मां विंध्यवासिनी बिलाई माता की ख्याति वर्तमान में देश-विदेश में है।
बिलाई माता मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त यहां सच्चे मन से दर्शन करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। यहां आने वाले भक्तों की सभी परेशानियां दूर हो जाती है।


स्थापना से जुड़ी कहानी
जनश्रुति के अनुसार, आज जहां बिलाई माता (मां विंध्यवासिनी) मंदिर स्थित है वहां पहले घना जंगल हुआ करता था। उस समय के राजा जब यहां से गुजरे तो उन्होंने देखा कि एक विशेष पत्थर के पास कई जंगली बिल्लियां लगातार बैठी रहती हैं। राजा ने पत्थर को हटाने का प्रयास किया, लेकिन वह हिल नहीं सका। प्रयास जारी रहे और अचानक उस स्थान से जल प्रवाह शुरू हो गया। उसी रात राजा के स्वप्न में देवी मां प्रकट हुईं और संदेश दिया कि पत्थर को उसी स्थान पर रहने दिया जाए और उसकी पूजा की जाए। इसके बाद राजा ने देवी की स्थापना करवाई और तभी से यहां पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू हुआ।
स्वयंभू मूर्ति का चमत्कार
यहां की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है। लोकविश्वास है कि यह मूर्ति धीरे-धीरे जमीन से ऊपर आई और आज भी इसे प्रकृति की अनूठी देन माना जाता है। मूर्ति का काला रंग और आसपास बिल्लियों की उपस्थिति के कारण इसे “बिलाई माता” कहा जाने लगा। यह मूर्ति मां विंध्यवासिनी देवी जैसी मानी जाती है और लगभग 500–600 वर्ष पुरानी मानी जाती है।
यहां पूरी होती है भक्तों की मनोकामना
प्राचीन काल में नवरात्रि पर यहां बलि प्रथा प्रचलित थी, जिसमें 108 बकरों की बलि दी जाती थी। समय के साथ यह प्रथा समाप्त हो गई। आज यहां भक्त केवल प्रसाद और पूजन सामग्री अर्पित करते हैं। नवरात्रि के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और देवी की आराधना करते हैं। लोक विश्वास है कि माता की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती है।
पीएम मोदी समेत कई नेताओं के नाम जलाए गए ज्योत
आज बिलाई माता मंदिर केवल धमतरी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। हर साल यहां बड़ी संख्या में भक्त ज्योत जलवाते हैं। पिछले साल मां विंध्यवासिनी के दरबार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम पर ज्योत जलाए गए थे. इतना ही नहीं यहां विदेशी श्रद्धालु भी ज्योत जलवाते हैं। भक्त देवी के दर्शन और पूजा के लिए दूर-दूर से आते हैं और इस मंदिर को अपनी आस्था का प्रमुख केंद्र मानते हैं।
कैसे पहुंचे बिलाई माता मंदिर
बिलाई माता मंदिर छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित है। यह मंदिर रायपुर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने के लिए रायपुर से बस, ट्रेन, हवाई जहाज से यात्रा की जा सकती है। रायपुर से बिलाई माता मंदिर जाने के लिए बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। हवाई जहाज से यात्रा करने वालों को रायपुर हवाई अड्डे से टैक्सी या बस से बिलाई माता मंदिर जा सकते हैं।
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