एक ओर जहां बीजेपी और केंद्र सरकार देशभर में इसका जश्न मना रही है तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा आरोप लगाया है. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट जारी किया। अपनी पोस्ट में एक तरफ उन्होंने जहां वंदे मातरम् के साथ कांग्रेस के जुड़ाव के बारे में बताया तो वहीं बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों संगठनों के दफ्तर में कभी वंदे मातरम् नहीं गाया गया। इसके बजाय वे नमस्ते सदा वत्सले गाते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, यह बेहद विडंबनापूर्ण है कि जो लोग (आरएसएस-बीजेपी) आज राष्ट्रवाद के स्वयंभू संरक्षक होने का दावा करते हैं वो अपनी शाखाओं या कार्यालयों में कभी वंदे मातरम् या हमारा राष्ट्रगान जन गण मन नहीं गाए. इसके बजाय, वे नमस्ते सदा वत्सले गाते रहते हैं, जो राष्ट्र का नहीं, बल्कि उनके संगठनों का महिमामंडन करने वाला गीत है.
‘RSS ने वंदे मातरम् से परहेज किया‘
खरगे ने कहा कि 1925 में अपनी स्थापना के बाद से आरएसएस ने अपनी सार्वभौमिक श्रद्धा के बावजूद वंदे मातरम् से परहेज किया है. इसके ग्रंथों या साहित्य में एक बार भी इस गीत का उल्लेख नहीं मिलता. यह सर्वविदित तथ्य है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार ने राष्ट्रीय आंदोलन में भारतीयों के विरुद्ध अंग्रेजों का साथ दिया, 52 वर्षों तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया, भारत के संविधान का दुरुपयोग किया, बापू और बाबासाहेब आंबेडकर के पुतले जलाए और सरदार पटेल के शब्दों में, गांधी जी की हत्या में शामिल रहे.
उन्होंने आगे कहा कि आज भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, जिसने हमारे राष्ट्र की सामूहिक आत्मा को जागृत किया और स्वतंत्रता का नारा बन गया. बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित, वंदे मातरम् हमारी मातृभूमि, भारत माता, यानी भारत के लोगों की भावना का प्रतीक है और भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस वंदे मातरम् का गौरवशाली ध्वजवाहक रही है. 1896 में कलकत्ता में कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष रहमतुल्लाह सयानी के नेतृत्व में, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार सार्वजनिक रूप से वंदे मातरम् गाया था. उस क्षण ने स्वतंत्रता संग्राम में नई जान फूंक दी. कांग्रेस समझ गई थी कि ब्रिटिश साम्राज्य की फूट डालो और राज करो की नीति, धार्मिक, जातिगत और क्षेत्रीय पहचानों का दुरुपयोग करके, भारत की एकता को तोड़ने के लिए रची गई थी. इसके विरुद्ध, वंदे मातरम् एक देशभक्ति के गीत के रूप में उभरा, जिसने सभी भारतीयों को भारत माता की मुक्ति के लिए एकजुट किया.
‘कांग्रेस को दोनों गीतों पर गर्व‘
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी वंदे मातरम् और जन गण मन, दोनों पर अत्यधिक गर्व करती है. दोनों गीत कांग्रेस की प्रत्येक सभा और आयोजन में श्रद्धा के साथ गाए जाते हैं, जो भारत की एकता और गौरव का प्रतीक हैं. 1896 से लेकर आज तक, कांग्रेस की हर बैठक, चाहे वह बड़ी हो या छोटी, चाहे वह महाधिवेशन हो या ब्लॉक स्तरीय बैठक, हमने भारत के लोगों को श्रद्धांजलि स्वरूप गर्व और देशभक्ति के साथ वंदे मातरम् गाया है. कांग्रेस पार्टी अपनी मातृभूमि के शाश्वत गीत, हमारी एकता के आह्वान और भारत की अमर आत्मा की आवाज, वंदे मातरम् में अपने अटूट विश्वास की पुष्टि करती है.
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