रायपुर। भारत में कई बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की मदद भी ली जाती है. आयुर्वेद में ऐसी कई औषधियां हैं, जो आपकी सेहत को फायदे पहुंचाने का काम करती हैं. इन्हीं में से एक है त्रिफला. त्रिफला एक ऐसा हर्बल पाउडर है, जिसे तीन अलग-अलग तरह के फलों का उपयोग करके बनाया जाता है. आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी से त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है. इसे भी पढ़ें : 30 बीमारियों की रामबाण दवा… साल में सिर्फ चार महीने ही मिलता है यह पानीफल…

त्रिफला को ज्यादातर लोग इस रूप में जानते हैं कि हरड़, बहेड़ा और आंवला को पीसकर पाउडर बनाया गया मिश्रण त्रिफला चूर्ण कहलाता है, और यह पेट की सफाई या कब्ज से राहत दिलाने में उपयोगी होता है. 100 ग्राम सख्त, 200 ग्राम बहेड़ा और 400 ग्राम आंवला को अलग-अलग पीसकर तीन बार छलनी से छान लें और फिर इस प्रकार तैयार चूर्ण को अन्य मौसमी सामग्री के साथ प्रतिदिन मिला दे. इसका नियमित रूप से सुबह सेवन करें, तो शरीर से किसी भी प्रकार की बीमारी दूर रहती है.

इस तरह ले चूर्ण

त्रिफला पाचन और भूख को बढ़ाने वाला और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने वाला है. मोटापा कम करने के लिए त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर ले. त्रिफला चूर्ण पानी में उबालकर, शहद मिलाकर पीने से चरबी कम होती है. त्रिफला का सेवन मूत्र-संबंधी सभी विकारों व मधुमेह में बहुत लाभकारी है.

चार माह में हो जाता है निष्प्रभावी

त्रिफला चूर्ण चार महीने बाद निष्प्रभावी हो जाता है और गांठ बनने लगती है, इसलिए तैयार त्रिफला चूर्ण को बाजार से खरीदने के बजाय सीमित मात्रा में मिक्सर में पीसकर घर पर ही तैयार करें और नमी से बचाएं. इसका सेवन करने के बाद, आपको एक या दो बार ढीले मल का अनुभव हो सकता है. अधिक सुविधा के लिए इस मिश्रण को रात को एक कटोरी में घोलकर सुबह 5 से 7 बजे के बीच सेवन करें.

रोगों से लंबे समय तक मुक्ति

यदि आप इसे किसी भी उम्र में और किसी भी समय (नियमित या टूटा हुआ क्रम) में लेना शुरू कर देते हैं, तो आपको निश्चित रूप से पर्याप्त लाभ मिलेगा जो आपके शरीर को हर तरह से बीमारियों से दूर रखने में मददगार साबित होगा.

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