कोरबा। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कई जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. कोरोना मरीजों की संख्या आय दिन बढ़ रही है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़ाई बरतना भी शुरू कर दिया है. अति आवश्यक सेवा वाले लोगों पेट्रोल पंप में पेट्रोल दिया जा रहा है. कई लोगों को ज्यादा पेट्रोल दिया जा रहा है, जबकि ऑटो चालकों को महज 50 रुपये का पेट्रोल दिया जा रहा है. ऐसे में ऑटो चावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा पड़ रहा है.

50 रुपये के पेट्रोल में कैसे चलेगा ऑटो 

कोरबा में कुछ दिन पहले पेट्रोल पंंप वालों की लापरवाही सामने आई थी. जहां कलेक्टर ने स्वयं कार्रवाई की. पंट्रोल पंप को सील कर दिया है. जिले में पेट्रोल पंप संचालकों को नियम के पालन को निर्देश दिए गए है. जिले के पेट्रोल टंकी में बाइक सवार जो अति आवश्यक सेवा में आते हैं, उन्हें 100 रुपये का तेल दिया जा रहा है. वहीं चारपहिया वाहन चालकों का भी निर्धारण किया गया है, लेकिन ऑटो चालकों को लेकर किसी तरह का कोई दिशा निर्देश नहीं है.

निजी एंबुलेंस वसूल रहे अधिक रकम

ऑटो चालक संघ के सदस्य पंकज ने बताया कि ऑटो चालकों को केवल दो पैसेंजर बैठने की अनुमति मिली है, जिसका सभी ऑटो चालक पालन कर रहे हैं. कोरोना की आपदा की घड़ी में कई मरीजों का भी फोन आता है, जिन्हें अस्पताल ले जाया जाता है. जिन्हें निर्धारित दर पर ही कम से कम रुपये लिए जा रहे हैं, जबकि निजी एम्बुलेंस चालक मनमानी मरीज के परिजनों से पैले वसूल रहे हैं.

ऑटो चालकों को केवल 50 रुपये का ही पेट्रोल दिया जा रहा है, जबकि निजी एम्बुलेंस को अधिक का तेल दिया जा रहा है. ऐसे में वो सवारी को अगर अधिक दूरी से लाना ले जाना करें, तो कैसे करेंगे. 50 रुपये के तेल में कैसे सम्भव है. ऐसे में उनके सामने भूखे मरने की नौबत आन पड़ी है.

ऑटो चालकों ने कलेक्टर किरण कौशल को पत्र भी लिखा है कि उन्हें कम से कम 200 रुपये का पेट्रोल दें, ताकि वो लोगों का सहयोग भी कर सकें और उनकी आर्थिक स्थिति बजबूत हो सके.

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