रायपुर।छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ‘डायरी‘ में घोटाले का जिक्र आने से सियासत में खलबली मच गई है. शिक्षा विभाग में एक कथित डायरी के माध्यम से पदस्थापना के नाम पर पैसों के लेनदेन का मामला सियासी रूप धारण कर लिया है. इस पर अब बीजेपी भी कूद पड़ी है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशक ने कहा कि भष्ट्राचार के गंगा में किसने-किसने डुबकी लगाई है. वहीं अब ये पूरा मामला थाने की दहलीज पर पहुंच चुका है. आशुतोष चावरे ने कहा कि मेरे फर्जी हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार किए गए हैं, जिसकी वे राखी थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

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दरअसल, लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के हस्ताक्षर युक्त फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे थे. सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात को प्रचारित किया जा रहा था. शिक्षकों के पदस्थापना में लेनदेन की गई है. इस फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग और इसके अधिकारियों की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी.

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मामले की जानकारी मिलने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे ने नवा रायपुर के राखी पुलिस थाने में अपनी तरफ से एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर क्रमांक 09/2022 में राखी पुलिस ने भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 419 तथा धारा 469 के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है.

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इस माले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कहा कि 5 विधायकों ने जो आरोप शिक्षा मंत्री पर लगाये थे, वह सत्य साबित हो रहे हैं. शिक्षा विभाग में ट्रांसफर, पोस्टिंग, गुणवत्ताहीन फर्नीचर और बर्तन की सप्लाई को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं.  इसमें भारी भ्रष्टाचार की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी.

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कौशिक ने कहा कि 336 और 69 पेज की कथित डायरी ने यह सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार छोटे-मोट भ्रष्टाचारों पर विश्वास नहीं रखती है. 366 करोड़ का लेने-देन तो सिर्फ एक अधिकारी के डायरी में है. ऐसी कई डायरियां अभी सामने आने वाली है. शीघ्र ही इसे सबके माध्यम से सामने लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व भ्रष्टाचार का यह अद्वित्तीय नमूना है, जिसमें प्रदेश के भोले-भाले शिक्षकों से भारी राशि अवैध रूप से ली गई.

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उन्होंने कहा कि आखिरकार कौन सी भाभी जी को एवं कौन से बड़े साहब को राशि दी गई है. इसकी भी जांच होनी चाहिए. भाभी जी को 25 करोड़ रूपये कई किश्तों में पहुंचाया गया है. बड़े साहब को भी कई करोड़ रूपये पहुंचाए गए हैं. इसके अतिरिक्त सप्लायरों से भी जमकर वसूली की गई है, इसकी भी जांच होनी चाहिए.

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