दिल्ली आम आदमी पार्टी के ट्रेड विंग के अध्यक्ष बृजेश गोयल(Brijesh Goyal) ने सोमवार, 10 मार्च को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(CM Rekha Gupta) से भेंट की. इस अवसर पर उन्होंने सीएम को दिल्ली के व्यापारियों और उद्यमियों की समस्याओं से संबंधित एक मांग पत्र प्रस्तुत किया. कन्फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स ऑफ इंडिया (CTI) के नेतृत्व में प्रस्तुत इस मांग पत्र में दिल्ली के उद्योगों और व्यापारियों के लिए 11 महत्वपूर्ण मांगें शामिल हैं.

बृजेश गोयल, आम आदमी पार्टी के ट्रेड विंग के अध्यक्ष, ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात के दौरान बताया कि इस बैठक का उद्देश्य व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करना है, जिससे दिल्ली में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल सके.

Parliament Budget Session: लोकसभा में राहुल गांधी की अपील, पूरा विपक्ष चाहता है वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर चर्चा हो

व्यापारियों को राहत देने की जरूरत

दिल्ली व्यापार मंडल के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि दिल्ली के व्यापारियों को बढ़ती प्रतिस्पर्धा, उच्च बिजली दरों, कड़े लाइसेंसिंग नियमों और सरकारी प्रक्रियाओं की जटिलताओं से मुक्ति की आवश्यकता है. यदि सरकार इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है, तो दिल्ली में व्यापार और उद्योग को नई ऊर्जा प्राप्त होगी.

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आप ट्रेड विंग के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार व्यापारियों के हितों को प्राथमिकता देते हुए बजट का निर्माण कर रही है. इन मांगों पर गहनता से विचार किया जाएगा. दिल्ली सरकार का ‘विकसित दिल्ली बजट’ व्यापार और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाओं को लागू करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है.

दिल्ली के गाजीपुर में गोली मारकर युवक की हत्या, लोगों ने NH-24 किया जाम

दिल्ली के व्यापारियों की 11 प्रमुख मांगें

बवाना, भोरगढ़, झिलमिल और बादली जैसे औद्योगिक क्षेत्रों की भूमि लीजहोल्ड है, जिससे व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन क्षेत्रों को फ्रीहोल्ड में परिवर्तित करने की आवश्यकता है.

दिल्ली में नरेला सहित कई क्षेत्रों में सर्कल रेट में असमानता है, जिससे व्यापारियों को संपत्ति खरीदने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने में कठिनाई होती है.

दिल्ली में न्यूनतम वेतन पड़ोसी राज्यों की तुलना में काफी अधिक है, जिससे उद्योगों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. बीजेपी सरकार को इसे तर्कसंगत बनाने पर विचार करना चाहिए.

दिल्ली में औद्योगिक बिजली की दरें अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी ऊँची हैं, जिससे उत्पादन की लागत में वृद्धि होती है. इसे कम करने की आवश्यकता है.

व्यापारिक गतिविधियों को सरल बनाने और गोदामों के रखरखाव के लिए एक अलग नीति का निर्माण किया जाना चाहिए.

पूर्व सरकार द्वारा घोषित छह बाजारों के पुनर्विकास का कार्य नए बजट में जारी रहना चाहिए.

RPF कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, अभ्यर्थी समेत 2 गिरफ्तार, 6 पर FIR

दिल्ली में दुबई और चीन के समान बड़े पैमाने पर शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने की आवश्यकता है, जिससे व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहन मिले.

चांदनी चौक और सदर बाजार जैसे ऐतिहासिक बाजारों के विकास के लिए विशेष योजनाएं बनाई जानी चाहिए.

दिल्ली के व्यापारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए ‘दिल्ली बाजार पोर्टल’ की स्थापना की जानी चाहिए.

 उद्योगों में आने वाली बाधाओं को समाप्त करने के लिए MCD द्वारा फैक्ट्री लाइसेंस को समाप्त किया जाना चाहिए.

बीजेपी सरकार को व्यापारियों और उद्यमियों को सभी सरकारी मंजूरी और सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करना चाहिए.