रायपुर. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार के खिलाफ  कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव जनता की आंखों में धूल झोंकने की एक असफल कोशिश है। रमन सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव को तथ्यहीन, आधारहीन और सिद्धांतविहीन बताया। उन्होंने  देर रात अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा-चौथी विधानसभा के अंतिम सत्र के समापन के दो दिन पहले कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर और एक दिन पहले आरोप पत्र देकर अंतिम दिन की बहस में कुछ सुर्खियां बटोरने की ही कोशिश की गई है।

विपक्ष ने नौटंकी का हास्यास्पद उदाहरण पेश किया…

मुख्यमंत्री ने कहा-मैं तो साफ शब्दों में कहना चाहता हूं कि विपक्ष ने अपने को मिले संविधान प्रदत्त अधिकार का खुलेआम दुरूपयोग किया है। इस अविश्वास प्रस्ताव का विरोध इसलिए भी जरूरी है कि समय और परिस्थितियों के हिसाब से यह प्रस्ताव नियम विरूद्ध नहीं होते हुए भी नैतिकता के तकाजों के खिलाफ  है। मुख्यमंत्री ने कहा-विपक्ष ने बनावटी आरोप लगाकर और शोरगुल करके सक्रियता की नौटंकी का हास्यास्पद उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा-लोकतंत्र के इस मंदिर का दीपक जनता के खून-पसीने के तेल से जलता है, न कि किसी व्यक्ति विशेष की सनक से। डॉ. रमन सिंह ने कहा-कांग्रेस ने विगत 15 वर्षों में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं निभाई और कभी कोई वैकल्पिक नीति नहीं दी। अपनी सरकार की विगत 15 वर्षों की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव को जोरदार शब्दों में खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में भाजपा सरकार की तीन पारियों और 15 साल के लगातार शासन में विपक्ष अथवा कांग्रेस एक भी तथ्य, एक भी सबूत या एक भी विषय को लेकर हमारे खिलाफ सदन में खड़ी नहीं हो पाती।

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अविश्वास प्रस्ताव भी सिकुड़ गया….

रमन सिंह ने कहा-मैं अपने चार दशकों के सामाजिक-राजनीतिक अनुभव से बोल सकता हूं कि कांग्रेस की राजनीति में आम जनता, गांव, गरीब और किसान, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला और युवा आदि किसी भी वर्ग के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कांग्रेस की राजनीति को सिद्धांत विहीन, दिशाहीन, विचारहीन, कार्यक्रम विहीन, नीति विहीन और योजना विहीन राजनीति बताया। डॉ. सिंह ने कहा-विपक्षी कांग्रेस की राजनीति सिर्फ सत्ता हथियाने और स्वार्थ साधने का जरिया है। दिल्ली से रायपुर तक उनकी राजनीति का जो बेढंगा चेहरा दिख रहा है, वह साफ बताता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा-आज देश के 19 राज्यों में भाजपा और सहयोगी दलों की सरकार है। देश की कुल आबादी के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से में भाजपा की सरकार है, जबकि कांग्रेस के पास छह प्रतिशत आबादी का भी नेतृत्व नहीं है। पूरे देश में लुटी-पिटी कांग्रेस पार्टी को अचानक लगने लगा कि छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें फर्जी सक्रियता देखकर माफ कर देगी तो यह कांग्रेस का मुगालता है। डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के नाम पर इस बार के आरोप पत्र को देखकर ही लगा कि कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। पिछले आरोप पत्र में 168 बिन्दु थे, लेकिन इस बार यह सिकुड़कर मात्र 15 रह गए हैं। जिस तरह कांग्रेस सिकुड़ गई है, उसी तरह अविश्वास प्रस्ताव भी सिकुड़ गया है।उन्होंने कहा-ये अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस का स्वयं पर विश्वास न होने का सबसे बड़ा उदाहरण है।

दशानन के लिए एक ही राम काफी….

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कटाक्ष करते हुए कहा-दिल्ली से रायपुर तक कांग्रेस की राजनीति का जो बेढंगा चेहरा दिख रहा है, वह साफ बताता है कि वह सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। कांग्रेस बिना किसी वैचारिक साम्य के राजनीतिक दलों से गठबंधन के लिए उतारू हैं, क्योंकि उसका एक मात्र लक्ष्य दिल्ली में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के खिलाफ गठजोड़ करना है। बीएसपी, एसपी, सीपीआई, जेडीएस, आप, टीएमसी, राजद, डीएमके, आईएमएल, आरएलडी जैसी दस धड़ों की पार्टियां मिलकर दशानन बनाते हैं, लेकिन दशानन के लिए एक ही राम काफी है। छत्तीसगढ़ में तो अब कांग्रेस ‘हाथी मेरे साथीÓ फिल्म देख रही है। एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय दल, सत्ता के लालच में आज छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का जूनियर पार्टनर बनने को उतावला है।

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कृषि ऋणों पर ब्याज दर 14 प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत हुआ…

मुख्यमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव को जोरदार शब्दों में खारिज करते हुए अपनी सरकार के 15 साल के कामों का और राज्य के विकास का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने कहा-किसानों के लिए अल्पकालीन कृषि ऋणों पर ब्याज दर 14 प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत कर दिया गया है। वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में सिर्फ 72 हजार विद्युतीकृत सिंचाई पम्प थे, जबकि आज इनकी संख्या चार लाख 80 हजार तक पहुंच गई है। किसानों को पहले सिंचाई के लिए बिजली नि:शुल्क नहीं मिलती थी, हमारी सरकार उन्हें सालाना 7500 यूनिट बिजली मुफ्त दे रही है। कांग्रेस के समय किसानों को धान का बोनस नहीं मिलता था। हमारी सरकार उन्हें धान उपार्जन पर 300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस दे रही है। राज्य सरकार किसानों को हर साल 2100 करोड़ रूपए की बिजली मुफ्त दे रही है।

शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार पर 76 से कम होकर 39 रह गई…

ब्याज मुक्त कृषि ऋणों के लिए सरकार 160 करोड़ रूपए खर्च कर रही है। किसानों को खाद और बीज पर 90 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी जा रही है। इन सबको मिलाकर प्रदेश के किसानों को राज्य सरकार 2350 करोड़ रूपए की सब्सिडी दे रही है। तेन्दूपत्ता श्रमिकों की मजदूरी 450 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर ढाई हजार रूपए कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का जो लक्ष्य दिया है। उसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने जोरदार प्रगति की है। उन्होंने कहा-प्रदेश सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ महिलाओं और बच्चों की सेहत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसके लिए उठाए गए कदमों के फलस्वरूप राज्य में  मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख प्रसव पर 365 से घटकर 173 रह गई है। शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार पर 76 से कम होकर 39 रह गई है और कुपोषण की दर भी 52 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत हो गई है, जबकि राज्य सरकार के प्रयासों से संस्थागत प्रसव की दर 14 प्रतिशत से बढ़कर 74 प्रतिशत हो गई है।

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उन्होंने कहा-विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव में हमारी सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है, जबकि हमारी सरकार की हर योजना गांव, गरीब और किसानों तथा समाज की अंतिम पंक्ति और कमजोर वर्गों के लोगों की बेहतरी के लिए संवेदनशीलता के साथ बनाई गई है। मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा सरकार ने गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाकर 55 लाख परिवारों को भोजन का अधिकार दिलाया। यह हमारी संवेदनशीलता नहीं तो क्या है ? मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्कूल शिक्षा, आदिवासी कल्याण, सिंचाई, सड़क, बिजली, रेल्वे आदि हर क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का विस्तार से ब्यौरा दिया।

सरगुजा नक्सलवाद से मुक्त…

उन्होंने कहा-हमारी सरकार ने बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास को भी अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। आज बस्तर और सरगुजा के अपने विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज हैं। बस्तर का अपना मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट है और अब तक वहां से विमान सेवा भी शुरू हो गई है। अम्बिकापुर एयरपोर्ट का भी विकास हो रहा है। हमने प्रशासनिक सुविधा के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से इन क्षेत्रों के विकास के लिए बस्तर और सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरणों का गठन किया। सरगुजा नक्सलवाद से मुक्त हो चुका है। राज्य में वर्ष 2007 से 2012 के बीच 11 नये जिलों का गठन किया गया।