रायपुर. विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष में चर्चा जारी है. इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा है कि सत्ता पक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को इतना नकारा कहा फिर भी इतने मंत्रियों को बोलने की जरूरत पड़ी, इसी में मेरे अविश्वास प्रस्ताव की नैतिक जीत हो गई. भूपेश भाई के बिना मैं अधूरा हूं कहने पर इतना बवाल किया गया तो मुझे याद आता है कि प्रधानमंत्री कैसे पूरे मंत्रिमंडल के साथ  नागपुर जाकर कैसे हिसाब देते हैं.

अगली बार आप बेहतर तरीके से बना लेना..

मैं आज भी कहता हूं कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष के अधीन हूं. इस पर गर्व है मुझे. मैं कांग्रेस का सिपाही हूं. आपने कहा कि हमे आरोप पत्र बनाना नही आता. आप अगली बार बेहतर तरीके से बना लेना. राजा महाराजा की बात आप करते हैं. 1971 तक देश की शासन व्यवस्था ने राजा महाराजा की व्यवस्था को माना था. 1947 में ये खत्म नहीं हुआ था. सरदार पटेल ने संविधान में इसे जुड़वाया था. इंदिरा गांधी ने इसे समाप्त करवाया था. इससे मैं आज भी संतुष्ट नहीं हूं लेकिन उसी कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं और काम कर रहा हूं. इंदिरा जी ने सर्कुलर जारी कर कहा था कि कोई नाम मे भी राजा महाराजा नहीं लिखेगा उससे सहमत नहीं हूँ फिर भी कांग्रेस में हु और काम कर रहा हूं.

रिंकू की मां ने कहा था…

सिंहदेव ने कहा कि रिंकू खनूजा के घर गया था. उनके भाई ने बताया कि वे 26 साल से भाजपा के कार्यकर्ता हूं. उनकी मां ने कहा कि इस बात को विधानसभा जरूर रखना की रिंकू की मौत की परिस्थिति आत्महत्या की नहीं थी. उनकी मां ने ये भी बताया कि सीबीआई ने क्या -क्या किया. उनकी मां ने मुझे जवाबदारी दी थी इस मामले को यहां उठाने की.

मेरे बंधक होने की बहुत बात हुई. मैं बंधक नहीं हूं. संबंध निभाना बंधक बनना नही होता, बाकी आप इस बारे में बेहतर जानते हैं. रिंकू की मौत का मामला सरकार की कार्य पद्धति पर अविश्वास पैदा करता है. सीडी कांड तो एक व्यक्ति के आस पास सिमट कर रह गई, लेकिन शासन के एक प्रतिनिधि ने एफआईआर कराई है कि इस तरह का रैकेट काम कर रहा है. जो इस तरह का काम कर रहा है इसकी जांच होनी चाहिए. कौन हैं जो सीडी बना रहे हैं. सीडी किस चीज के लिए बनाया गया कौन बनाया किसके लिए बनाया कौन सर्कुलेट किया. सब जानते हैं इसकी जांच होनी चाहिए.

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कलेक्टर को नहीं मालूम…

नेता प्रतिपक्ष ने जवाब देते हुए कहा कि क्यों एक व्यक्ति के खिलाफ केस का सिलसिला चल रहा है. भूपेश बघेल के खिलाफ अभियान चल रहा है. बोल्ड तरीके से बात करते हैं तो स्वाभाविक है कि आपको खराब लगेगा. उनके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. सारे दस्तावेज हैं. कलेक्टर दुर्ग के दफ्तर का आदेश है कि उनकी जमीन स्कूल को सौंप दी जाए. घर की जांच, जमीन की जांच, एसीबी की जांच, सीबीआई की जांच एक ही आदमी के खिलाफ शुरू हो जाता है. कलेक्टर कहते हैं कि मेरे पास कोई दस्तावेज नही है ये कैसी सरकार चल रही है.

कलेक्टर को नहीं मालूम कि अदालत ने कोई आदेश पारित किया है. अदालत के आदेश के खिलाफ आदेश पारित कर दिया. 29 एकड़ जमीन उनसे छीन ली जाती है. ये एक व्यक्ति को प्रताड़ित करने की साजिश है. किस ग्राउंड में अदालत का आदेश पलटा गया कलेक्टर की तरफ से एक आदमी को प्रताड़ित करने के लिए.

ये एक व्यक्ति के लिए हो रहा..

टीएस सिंह देव ने कहा कि मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने सफाई दी कि आपकी पार्टी के एक विधायक की शिकायत पर कलेक्टर ने रिव्यू किया है. और तहसीलदार को कार्रवाई करने के लिए परीक्षण करने को कहा है. बाद में भूपेश बघेल ने कलेक्टर के पास दस्तावेज पेश किया है और अब उस पर कार्रवाई होगी. ये टार्गेडेट नहीं है. शिकायत पर जांच और कार्रवाई तो होगी ही. शिवरतन शर्मा ने कहा कि राजेंद्र कुमार राय और विधान मिश्रा की शिकायत पर कार्रवाई की गई है. यहीं से दुर्भावना परिलक्षित होता है. यही अविश्वास का कारण है. क्या ये एक व्यक्ति के लिए हो रहा है.

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सरकार की संवेदनहीनता दिखती है

सिंहदेव ने आगे कहा कि जिस तरह की सोच लेकर ये सरकार चल रही है यही अविश्वास का कारण है. महिलाओं के गायब होने के मामले हो रहे हैं उसमें सरकार की संवेदनहीनता दिखती है. एक लड़की गायब हो गई और दिल्ली में ट्रेस हो गई फिर भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती. ये आपकी संवेदनहीनता है.

गरीबी प्रतिशत छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा

25 मई 2013 के बाद से मुख्यमंत्री में जो संवेदनहीनता दिखी वह लगातार बढ़ती चली गई.गरीबों के संदर्भों की बातें कई बार सदन में आई हैं. लेकिन यह आज के समय में भी समीचीन है. मंत्रियों की ओर से बार-बार आकंड़े बताए गए लेकिन इतना करने के बाद भी देश मे गरीबी प्रतिशत छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा है. लक्ष्य क्या था आपका? अगर छत्तीसगढ़ के नागरिकों का जीवन स्तर सुधार नहीं पाए तो क्या इस सरकार पर भरोसा किया जाना चाहिए? इन सबके बीच क्या बीजेपी को चौथी बार सरकार में आना चाहिए?

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चुनाव के समय वाली सरकार..

नक्सल मुद्दे पर अब सुनने को आ रहा है कि सरकार नक्सलियों से बात करने की तैयारी कर रही है. बातचीत के चैनल खोलने की तैयारी है. इतने समय की सरकार की सोच इतनी सीमित हो सकती है. नेता प्रतिपक्ष ने आगे सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये सरकार चुनाव के समय वाली सरकार बन गई है. हर चीज चुनाव के समय बांटने की बात करती है. चुनाव के बाद सब बंद. जनता भी समझ रही है आपकी नीति को. केदार कश्यप ने जिस भाषा में दिग्विजय सिंह के बारे में बात की वो इस सरकार की भावना को प्रकट करती है कि सरकार का दंभ कितना अधिक है.

निजी क्षेत्रों में काम दिजिए लेकिन पिछले दरवाजे से नहीं..

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ आपने झूठे मुकदमे कायम किये. देवती कर्मा के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया. पत्थलगड़ी को आप राष्ट्रद्रोही कृत्य बताते हैं आपके दल के नेता उसका शिलान्यास करते हैं. और सरकार को पता नही चलता कि प्रदेश में राष्ट्रद्रोही रह रहे हैं. वन अधिकार कानून का पालन नहीं हो रहा है. प्रबंधन की जिम्मेदारी जन प्रतिनिधि को आप नही दे रहे हैं. इसलिए पत्थलगड़ी जैसे मामले हो रहे हैं. आप निजी क्षेत्र को काम दीजिए लेकिन पिछले दरवाजे से नहीं. मेरे अडानी से भी अच्छे संबंध है लेकिन मैं स्थानीय हितों की बात करता हूँ. आप के कार्यकाल में एक ही नाम बार बार आता है तो संदेह होता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है.