जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन ने छात्रसंघ चुनावों के संबंध में आधिकारिक सूचना जारी की है. इस सर्कुलर के अनुसार, चुनाव अकादमिक सत्र की शुरुआत के छह से आठ सप्ताह के भीतर होंगे. संभावना है कि ये चुनाव अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में संपन्न होंगे. जेएनयू प्रशासन ने सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया है कि चुनावों का आयोजन मौजूदा कानूनों और दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा. छात्रों से अनुरोध किया गया है कि वे चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित और निष्पक्ष बनाए रखने में सहयोग करें.

पिछले पांच दिनों से छात्रों ने डीन ऑफ स्टूडेंट्स के कार्यालय पर कब्जा कर रखा था. इस सर्कुलर के जारी होने के बाद छात्र संगठन इसे अपनी सफलता के रूप में देख रहे हैं. हालांकि, सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह घोषणा दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी. जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने इसे छात्रों के संघर्ष की जीत बताया और कहा कि वे इस मांग के लिए लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं. वहीं, जेएनयू में सोमवार रात छात्र संगठन आइसा और बाप्सा के बीच झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप मंगलवार को बाप्सा समर्थकों ने आइसा का प्रतीकात्मक पुतला जलाया.

डीन ऑफ स्टूडेंट्स मनुराधा चौधरी ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि विश्वविद्यालय चुनावों का आयोजन लागू कानूनों और दिशानिर्देशों के अनुरूप होना चाहिए. सर्कुलर में उल्लेख किया गया है कि ‘छात्र डीन कार्यालय द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश समय पर प्रदान किए जाएंगे.’ इसके अतिरिक्त, यह भी बताया गया है कि यह प्रक्रिया उस मामले के निर्णय पर निर्भर करती है, जिसमें विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाईकोर्ट से लिंगदोह समिति की रिपोर्ट के कुछ प्रावधानों पर स्पष्टीकरण मांगा है, जो छात्र चुनावों को नियंत्रित करती है. यह सर्कुलर छात्रों के बढ़ते विरोध के बीच जारी किया गया है, जो चुनाव अधिसूचना की तात्कालिक मांग कर रहे हैं.