इंद्र कुमार, जबलपुर। डेंगू के डंक से न्याय राजधानी जबलपुर कराह है। जिले में हर दिन डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक शहर में ही 700 के करीब डेंगू मरीज हैं। वहीं नगर निगम और स्वास्थ्य अमला के अपने अजीब तर्क है। दोनों अब भी हालात काबू में होने का दावा कर रहे हैं।

वहीं वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है।शहर में ना तो सफाई व्यवस्था है ना ही फॉगिंग मशीन है। सही तरीके से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी नहीं हो रहा है। उल्टे शहर में जगह जगह खुदे गड्ढे, जलभराव और गंदगी के चलते के चलते डेंगू और तेजी बसे अपने पांव पसार रहा है। हालत ये है कि शहर के लोग डेंगू का इलाज कराने दूसरे शहर जा रहे हैं।

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हाईकोर्ट में 26 अक्टूबर को होगी सुनवाई
बता दे कि डेंगू को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में भी याचिका लगी हुई है। पिछली सुनवाई में भी नगर निगम कोई ठोस जवाब नहीं से पाया था। हाइकोर्ट ने नगर निगम जबलपुर से पूछा है कि, सितंबर माह में डेंगू रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए? चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस पुरूषेन्द्र कौरव की डिवीजन बेंच ने डेंगू की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बारे में किए गए कामों का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया। जिसमे अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होनी है।

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