राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार बाढ़ का कहर जारी है. प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग के सभी जिलों में स्थिति बेकाबू हो गई है. लगातार नदी-नालों का जलस्तर बढ़ते जा रहा है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किए. सीएम ने दतिया, शिवपुरी और श्योपुर, भिंड और मुरैना में चंबल नदी लगे हुए गांवों का दौरा किया.

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सीएम शिवराज सिंह चौहान हवाई दौरे से लौटने के बाद मीडिया से चर्चा की. सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि शिवपुरी, श्योपुर में नदियों में लगातार जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरीके से टला नहीं है. कई निचले इलाके हैं, जहां अभी पानी भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता सभी को सुरक्षित स्थान पर लाकर उनके रहने और खाने की व्यवस्था करना है.

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चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भिंड और मुरैना में खतरा अभी भी बरकरार है. यही कारण है कि इन दोनों जिलों के लिए अलग से सेना बुलाने को लेकर भी बात हो गई है. जल्द ही एयरपोर्ट्स और सेना राहत और बचाव का कार्य शुरू करेंगे. नुकसान के आकलन के निर्देश भी दे दिए गए हैं. जो भी आर्थिकक्षति होगी, उसकी भरपाई करने का काम सरकार करेगी.

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बता दें कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के कुल 1225 ग्राम प्रभावित हैं. अब तक श्योपुर जिले के 32 गांवों से 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. इसी प्रकार शिवपुरी के 90 गांवों से 2000 और दतिया, ग्वालियर, मुरैना, भिंड के 240 गांवों से एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ, आर्मी तथा बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है. अभी तक की जानकारी के अनुसार 1950 लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं.

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 ग्वालियर में 46 गाँव प्रभावित हैं, 17 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं और तीन हजार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है. दतिया में सेना पहुंच गई है. जिले के 36 गांव प्रभावित हैं, 18 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं, लगभग 1100 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. यहां मंदिर में फंसे पुजारी को मोटर वोट भेज कर बचा लिया गया है. सभी मुख्य मार्ग बंद हैं. एनएच-3 भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है. रतनगढ़ का पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. शिवपुरी में 22 गांव प्रभावित हुए हैं. बचाव कार्य जारी है, 801 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. श्योपुर में ज्वालापुर, खेरावत, मेवाड़ा और जाटखेड़ा गांव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए थे. यहां जल स्तर घट रहा है. सेना गांवों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. पानी अधिक होने और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना को रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ना पड़ रहा है.

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