रायपुर. गरियाबंद जिले के जंगलों में अवैध कटाई और बसाहट के मामले में बीजेपी विधायक डमरुधर पुजारी का नाम सामने आ रहा है. इस मामले का खुलासा करने वाले धनौरा गांव के निवासियों का आरोप है कि डमरुधर पुजारी ने अपने रिश्तेदारों को जंगल में बसाया है. गांव वालों का एक प्रतिनिधिमंडल कुछ दिन पहले रायपुर में मंत्री मोहम्मद अकबर से शिकायत करने पहुंचा था. इन लोगों ने उनके साथ 2 नवंबर को मारपीट करने और बंधक बनाकर रखने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
शिकायतकर्ता कमल साय का कहना है कि 2 नवंबर को इन लोगों को अवैध वसूली के आरोप में धनौरा गांव के छह लोगों को विधायक डमरुधर पुजारी के इशारे पर गिरफ्तार कराया गया था. गांव वालों का कहना है कि वे लोग सोरनामाल के जंगलों को काटकर अवैध खेती का वीडियो बनाने गए थे. रास्ते में लौटते हुए उन्हें नाले के पास छैला और कांरसड़ गांव के लोगों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई की.
कमल साय का कहना है कि छैला और कांरसड़ के रहने वालों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी. गालीगलौज की. रात भर मारा पीटा. इनका वो मोबाइल छीन लिया जिसमें ये लोग जंगल में खेती का वीडियो बनाकर लाए थे. इनकी बाइक भी छीन ली थी. बडी मुश्किल से चार लोग जान बचाकर किसी तरह वहां से फरार होने में कामयाब रहे.
इस मामले में हमने विधायक डमरुधर पुजारी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
गौरतलब है कि कमल साय की अगुवाई में धनौरा गांव के लोगों की शिकायत पर ही उदंती टाइगर रिजर्व और गरियाबंद जिले में सैकड़ों एकड़ में अवैध कटाई करके अवैध बसाहट का भंडाफोड़ हुआ है. इस दौरान सैकड़ों एकड़ में मक्के और उड़द की दाल अवैध तरीके से लगाने की बात भी सामने आई. कमल साय और उसके साथियों की शिकायत पर वन विभाग और पत्रकारों की टीम उदंती के जंगल गई और कंपार्टमेंट नंबर 1204 और 1206 में सैकड़ों पेड़ कटे देखे. जांच में ये बात भी सामने आई कि पेड़ काटने का सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है. इसके बाद गरियाबंद में इंदागांव और देवझरिया में भी अवैध बसाहटों का खुलासा हुआ और उस पर कार्रवाई हुई.
जांच के आधार पर वन विभाग के कई अधिकारियों पर इसकी गाज़ गिरी. अवैध रुप से रहने वाले करीब 46 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया. जिसमें ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों के निवासी शामिल थे. धनौरा गांव के लोगों की शिकायतों के बीच ये बात भी सामने आई कि जंगल के मामलों में ये भी आरोपी रहे हैं. लेकिन इनकी शिकायत हमेशा सही पाई गई लिहाज़ा इन लोगों की शिकायतों पर विभाग ने गंभीरता से कार्रवाई की.
लेकिन इस मामले में नया मोड़ 2 नवंबर को आ गया जब कमल साय और तेज सिंह तांडिया को कांरसड़ और छैला गांव के लोगों ने पकड़ लिया और अवैध वसूली करने के आरोप में पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तेज सिंह तांडिया को गिरफ्तार कर लिया. जबकि कमल साय को छोड़ दिया. इसके बाद करीब 1 दर्जन धनौरा गांव के लोग मंत्री मोहम्मद अकबर के पास शिकायत लेकर आए. इन लोगों की शिकायत पर मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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