अजय शर्मा/शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में कई रंग देखने को मिल रहे हैं. बीजेपी अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को टिकट दे रही है. लेकिन बवाल मचने के बाद इंदौर से पार्षद प्रत्याशी स्वाति काशिद का टिकट रद्द कर दिया गया है. लेकिन भोपाल में भी बीजेपी ने कुख्यात सटोरिये पिंकी भदौरिया को प्रत्याशी बनाया है. जिसका टिकट अभी तक नहीं कटा है. अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर चुनाव जीतने के लिए अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगाया है.

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भोपाल के सटोरिये पिंकी भदौरिया के खिलाफ थानों में लूट, हत्या के प्रयास, अड़ीबाजी, मारपीट, धोखाधड़ी करने के एक दर्जन से अधिक अपराधिक मामले दर्ज है. फिर भी बीजेपी ने अपराधों से घिरे आरोपियों को टिकिट दिया है. जिला बदर हो चुके कुख्यात सटोरिये पिंकी भदौरिया को वार्ड 44 से पार्षद प्रत्याशी बनाया. नाम बदलने में माहिर पिंकी भदौरिया ने ‘भूपेंद्र सिंह चौहान’ के नाम से टिकट ले लिया. इसके साथ ही सटोरिये बाबू मस्तना की पत्नी मसर्रत को भी बीजेपी ने टिकट दिया है.

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प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि पार्षदों के चयन में भी आपराधिक पृष्ठभूमि न होने का पूरा ध्यान रखा गया है. बीजेपी में इस पर जीरों टॉलरेंस की नीति है. इंदौर में वार्ड 56 से वार्ड प्रत्याशी का टिकट वापस रद्द किया जा रहा है. फीडबैक में पारिवारिक पृष्ठभूमि में अपराध के केस मिले थे. चर्चा के बाद यहां नया प्रत्याशी बनाया जाएगा. इंदौर के वार्ड 56 से टिकट स्वाति काशिद को दिया गया था, जिसे कैंसिल कर दिया गया है.

इस पर कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने अपराधियों को टिकट दिया है. सटोरी किंग बाबू मस्तान की पत्नी और पिंकी भदौरिया को टिकट दिया है. बीजेपी में कोई जीरो टॉलरेंस नहीं है सिर्फ जीत जरूरी है. ये बीजेपी का चरित्र है, जो परिवारवाद में भी देखने को मिला.

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