Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में स्नान के बाद जनोई पहनना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है, खासकर उन भक्तों और संतों के लिए जो हिंदू धर्म के अनुष्ठानों का पालन करते हैं. जनेऊ, जिसे संस्कृत में यज्ञोपवीत कहा जाता है. पवित्र धागा पहनना धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का प्रतीक है. इसे पवित्रता और अनुष्ठान का प्रतीक माना जाता है. कई भक्त शाही स्नान के बाद जनोई पहनते हैं ताकि वे आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त कर सकें और अपने जीवन में धर्म, सत्य और धार्मिकता का पालन कर सकें.

इसी के साथ ही कुंभ स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें. सूर्यदेव का नाम जपें. फिर तुलसी की परिक्रमा अवश्य करें. क्योंकि तुलसी के पौधे की परिक्रमा किए बिना शाही स्नान अधूरा रहता है. कुंभ में स्नान के बाद तुलसी की परिक्रमा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. महाकुंभ में स्नान के बाद जनेऊ कैसे धारण करना चाहिए? यह भी जानिए…

महाकुंभ स्नान एक पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. इस पवित्र स्नान के बाद पवित्र धागा पुनः धारण करने की एक विशेष विधि है. स्नान के बाद अपने आप को पूरी तरह से साफ कर लें. साफ़ कपड़े पहनें.

पवित्र धागा पहनने से पहले ॐ नमः शिवाय, ॐ गंगाय नमः या अन्य पवित्र मंत्रों का जाप करें. शुद्ध जनेऊ चुनें. यह पवित्र धागा सूती धागे से बना होना चाहिए और इसमें तीन धागे होने चाहिए. पवित्र धागे को हमेशा बाएं कंधे से दाएं कमर तक पहनना चाहिए. मंत्रों का जाप करें, विशेषकर पवित्र धागा पहनते समय.

ॐ यज्ञोपवीत परम पवित्र है, यह प्रजापतयेर्तसहजा की शुद्धि है. (Maha Kumbh 2025)

सभी के लिए दीर्घायु और अच्छा स्वास्थ्य, पवित्र प्रसाद की शक्ति और तेज.