वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति को ही मत्स्य पालन के लिए तालाब लीज पर दिए जाने का नियम है, लेकिन इसके विपरीत बिल्हा जनपद पंचायत ने अपंजीकृत समूह को तालाब को लीज पर दे दिया. जनपद पंचायत की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसे भी पढ़ें : अंधविश्वास का खौफनाक खेल, बाबा पर अविश्वास जताया तो घर वालों ने ही सुला दी 2 युवकों को मौत की नींद, जानिए क्या है पूरी कहानी
बिलासपुर जिले के बिल्हा तहसील के ग्राम बरतोरी के रहने वाले भूषण कुमार यादव ने हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता जय भवानी मछुआ सहकारी समिति मर्यादित बरतोरी के अध्यक्ष के ओर से याचिका लगाई है. याचिका में बताया गया कि ग्राम पंचायत बरतोरी में स्थित बंधवा तालाब को 10 वर्षीय लीज में लेने के संबंध में याचिकाकर्ता की समिति ने 11 मार्च 2024 को बिल्हा जनपद पंचायत के सीईओ को आवेदन पत्र जमा किया.
याचिकाकर्ता की समिति पंजीयन दिनांक से ही कार्यशील है, और वर्तमान में उसके कुल 27 सदस्य हैं. समिति का मुख्य व्यवसाय मत्स्य पालन ही है. समिति द्वारा उक्त तालाब को लीज पर लेने के लिए आवेदन निर्धारित तिथि के पूर्व ही दिया गया था, लेकिन बिल्हा जनपद पंचायत ने विलंब से आवेदन पत्र प्राप्त होना बताकर उस पर विचार नहीं करते हुए अपंजीकृत बजरंग मछुआ समूह के पक्ष में प्रस्ताव पारित कर दिया.
मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने सचिव मत्स्य विभाग छत्तीसगढ़ सहित सीईओ जनपद पंचायत बिल्हा सरपंच ग्राम पंचायत बरतोरी एवं बजरंग मछुआ समूह ग्राम बरतोरी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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