धर्मेद्र यादव, निवाड़ी। कोरोना का संक्रमण रोकने शासन-प्रशासन द्वारा तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हो रही है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आज भी डॉक्टर से उपचार कराने के बदले देवी-देवताओं पर ज्यादा विश्वास करते हैं. ऐसा ही एक मामला बुन्देलखंड जैसे पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र से सामने आया है, जहां के ग्रामीण कोरोना भगाने देवी की शरण में पहुंचे थे. इन लोगों का देवी पर अटूट विश्वास है. यहीं कारण है कि भरी दोपहरी में लोग सड़क पर लोट लोटकर साष्टांग दंडवत प्रमाण करते हुए सिद्धपीठ देवी मंदिर पहुंचे थे.

निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में स्थित सिद्धपीठ अक्षरूमाता मंदिर पहुंचे ग्रामीणों का ऐसा मानना है कि यहां आने के बाद कोरोना की बीमारी ठीक हो जाएगी. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पहले बहुत लोगों को कोरोना हुआ था, पर माता की कृपा से सब ठीक हो गए हैं.
वहीं इस कोरोना संक्रमण रोकने जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. लोग भीड़ के साथ मंदिर पहुंचे रहे थे, ना सामाजिक दूरी का पालन ना मास्क पहने हुए थे.

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पूजा के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज

धर्म और आस्था के बीच पुलिस प्रशासन भी बेबस नजर आई. पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उन्हे समझाते रहे पर ग्रामीणों ने उनकी बातें नहीं मानी. अफसरों ने समझाया कि मंदिर बंद है, फिर भी लोग मंदिर तक पहुंचे और बाहर से पूजा-अर्चना कर व मत्था टेक वापस लौट गए. इन ग्रामीण महिलाओं को मंदिर में पूजा-पाठ के लिए प्रेरित करने वाले किसी कल्लू यादव नामक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

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