रायपुर। सहमति से राजीनामा कर एक ही दिन में मुकदमों के निस्तारण की प्रक्रिया का वरदान है नेशनल लोक अदालत. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतों ने इस प्राधिकरण की पहचान को घर-घर तक पहुंचाया है. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में निवेश बढ़ने पर सीएम भूपेश बघेल ने भरा दंभ, कहा- ‘नवा छत्तीसगढ़’ है यह, अब यहां का पैसा ‘पनामा’ नहीं जाता…’

9 नवंबर 1995 का दिन एक नए युग की शुरुआत थी. इसे न्यायपालिका में अदालतों की सफलता का दूसरा दरवाजा खोलने की बात भी कही जा सकती हैं. जब समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को उनके अधिकारों और कानून के प्रति सशक्त बनाने, कानूनी साक्षरता के जरिए उनमें जागरूकता प्रदान करने के उद्देश्य से देश में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गयी. इस दिन को मनाए जाने की शुरुआत साल 1995 में की गई थी। तब से हर साल 9 नवम्बर को इस दिन को मनाने के प्रावधान है।

3 वर्ष में 2 करोड़ से अधिक मुकदमों का निस्तारण

पिछले तीन वर्षों में ही प्राधिकरण ने लोक अदालतों के जरिए 3 करोड़ से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया है. ये देश की न्यायपालिका की बड़ी राहत हैं. वर्ष 2021 की 3 राष्ट्रीय लोक अदालतों में ही कुल 1 करोड़ 27 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया.जिसमें 55 लाख से अधिक मुकदमों कई वर्षों से अदालतों में लंबित मुकदमे थे.

वर्ष 2022 में दो राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया गया था. रिकॉर्ड 1 करोड़ 73 लाख से अधिक मुकदमों का निपटारा किया गया हैं. इन राष्ट्रीय लोक अदालतों में निस्तारित हुए मुकदमों की संख्या देश की अदालतों में लंबित कुल मुकदमों का करीब 36.19 प्रतिशत थी.

पूरे देश में एक ही दिन में प्रकरणों का होता निराकरण

राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण करता है लोक अदालतों का आयोजन, राष्ट्रीय लोक अदालतें नियमित अंतराल पर आयोजित की जाती हैं, जहां पर एक ही दिन में पूरे देश में उ’चतम न्यायालय से लेकर जिला स्तर तक सभी अदालतों में लोक अदालतें आयोजित की जाती हैं और बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया जाता है. राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) अन्य कानूनी सेवा संस्थानों के साथ लोक अदालतों का आयोजन करता है. यह वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों में से एक है, और एक ऐसा मंच है जहां अदालतों/आयोगों में लंबित विवादों/मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाया/समझौता किया जाता है.

12 नवंबर को निपटेंगे उपभोक्ताओं के मामले

लोक अदालत में उपभोक्ताओं से संबंधित विचाराधीन मामलों को निपटाने के लिए देश भर में 12 नवंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा. लोक अदालत व्यवस्था के लाभों और पार्टियों के बीच आपसी समाधान और समझौते को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में उपभोक्ता मामलों के निपटारे की उम्मीद है. छत्तीसगढ़ में उपभोक्ता मामले जिला दुर्ग 2593, जिला रायपुर 3329 विचाराधीन है. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 1915 पर कॉल कर दर्ज करा सकते हैं मामले.

देश भर में 6,07,996 उपभोक्ता मामले लंबित

देश में करीब 6,07,996 उपभोक्ता मामले लंबित हैं. एनसीडीआरसी में करीब 22250 मामले विचाराधीन हैं. 28318 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य, 1809& लंबित मामलों के साथ महाराष्ट्र, 15450 लंबित मामलों के साथ दिल्ली, 10319 के साथ मध्य प्रदेश, और 9615 लंबित मामलों के साथ कर्नाटक कुछ ऐसे राज्य है, जहां सबसे अधिक लंबित मामले हैं.

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