लखनऊ. मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने फर्जी एनकाउंटर बताते हुए सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘जात’ देखकर ली गई जान. जिस पर योगी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है.

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मारे गए अपराधी मंगेश यादव को लेकर अखिलेश यादव के बयान पर ओपी राजभर ने पलटवार करते हुए कहा, पुलिस पर फायरिंग होगी तो क्या फूल बरसाएंगे. पुलिस आत्मरक्षा के लिए क्या फूल बरसाएगी? आत्मरक्षा के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ेगी. गोली चलेगी तो फायरिंग करने वाला मारा ही जाएगा. अखिलेश को सिर्फ एक जाति दिखाई देती है. हम लोगों को 6743 जाति दिखाई दे रही है. सबका साथ सबका विकास करने का काम करते हैं.

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अखिलेश यादव ने क्या कहा था?

अखिलेश यादव ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, ”लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी.”

सपा मुखिया ने आगे कहा, ”जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे.”

कन्नौज सांसद ने कहा, ”नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं. समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है. भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है. जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है. जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है. घोर निंदनीय!”