कांकेर. छत्तीसगढ़ के उत्तरी अबूझमाड़ जंगल में 16 नवंबर की रात नक्सल-पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सभी 5 नक्सलियों के शव को लेकर जवानों की टीम जिला मुख्यालय पहुंच गई है. माओवादियों की पहचान के लिए आत्म समर्पण कर चुके नक्सलियों की मदद ली जाएगी. वहीं 16 नवंबर की रात से शुरू हुई मुठभेड़ अब भी जारी है. रुक-रुक कर नक्सली क्रॉसफायरिंग कर रहे हैं. जंगल में अभी भी जवानों की एक बड़ी टीम एक पूरी पहाड़ी को घेरे हुए है. यह क्षेत्र बेहद अंदरूनी और दुर्गम होने के कारण विस्तृत जानकारी सामने नहीं आ पा रही है. जवानों ने नक्सलियों को घेर लिया है और उनके बचने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं.
मुठभेड़ का तीसरा दिन, जवान जंगलों में डटे
बता दें, 16 नवंबर बीते दिन शनिवार की सुबह उत्तर अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर सर्चिंग अभियान पर संयुक्त पुलिस पार्टी गई थी. सर्चिंग के दौरान शनिवार सुबह 8 बजे से लगातार डीआरजी, एसटीएफ और बीएसएफ की संयुक्त पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई. मुठभेड़ खत्म होने के बाद सर्चिंग में बड़ी मात्रा में हथियार और 5 नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे, जिन्हें लेकर रविवार की सुबह जवानों की एक टुकड़ी अबूझमाड़ जंगल से बाहर निकली, जो आज सोमवार की सुबह पहुंची है. इस मुठभेड़ में 2 सुरक्षा जवान भी घायल हुए, जिनका उपचार राजधानी के नारायणा अस्पताल में जारी है.
नक्सलियों के पास कितना बचा गोलाबारूद?
आज तीसरे दिन भी जारी मुठभेड़ में यह सवाल उठ रहा है कि नक्सलियों के पास गोलाबारूद कितना बचा होगा और वे कब तक जवानों के सामने टिक पाएंगे. माड़ के जंगलों में जवानों का यह ऑपरेशन बड़ी सफलता की ओर बढ़ रहा है. सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर रखी है, और जल्द ही मुठभेड़ समाप्त होने की संभावना है.
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