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सोमवार को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल(RG Kar Hospital ) में एक महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय(Sanjay Roy) को मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई गई. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. अदालत ने राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये देने का आदेश दिया है. संजय रॉय की 75 वर्षीय मां ने फैसले की घोषणा के बाद खुद को घर में कैद कर लिया और पत्रकारों से मिलने से इनकार करते हुए कि वह “शर्मिंदा” हैं वे उन्हें अकेले छोड़ दें.
संजय रॉय की मां मालती ने कहा कि तीन बेटियों की मां होने के नाते वह महिला डॉक्टर के माता-पिता को समझ सकती है और उनके बेटे को जो भी सजा मिलेगी, उसका समर्थन करेंगी. झुग्गी के दरवाजे पर खड़ी मालती ने कहा. “अगर अदालत उसे फांसी पर लटकाने का फैसला करती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी, क्योंकि कानून की नजर में उसका अपराध सिद्ध हो चुका है. मैं अकेले में रोऊंगी, लेकिन इसे नियति का खेल मानकर स्वीकार कर लूंगी.”
रॉय को सोमवार को सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कुछ ही मिनटों बाद, उसकी मां ने खुद को घर में बंद कर लिया और बाहर एकत्रित पत्रकारों द्वारा फैसले के बारे में पूछे गए प्रश्नों का कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कुछ देर बाद पत्रकारों से कहा “मैं कुछ नहीं कहना चाहती. मैं हर बात के लिये शर्मिंदा हूँ. आप कृपया चले जाइए और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.
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संजय के रिश्तेदार
संजय रॉय की तीन बहनों में से एक की कई साल पहले मौत हो चुकी है, इसलिए आज या उससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान न तो मालती न ही उसका कोई रिश्तेदार अदालत में मौजूद था. मालती की झुग्गी के पास रहने वाली संजय की बड़ी बहन ने कहा “मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि संजय घटनास्थल पर अकेला नहीं था. क्या अन्य लोग भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल थे, इसकी भी जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए.”
उसके पड़ोस में रहने वाली उर्मिला महतो ने कहा “मैंने उसे बड़ा होते हुए देखा है. उसे बॉक्सिंग क्लास में भर्ती कराया गया था 3 साल पहले उसे कोलकाता पुलिस की नागरिक स्वयंसेवक शाखा में शामिल किया गया था. उसके बाद, वह कोलकाता पुलिस बैरक में चला गया हमने उसे इलाके में नहीं देखा,” हालांकि, यह अकल्पनीय था कि उसे एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा.
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