कवर्धा। प्रदेश के गांवों में आज भी सामाजिक बहिष्कार का दंश लोग झेल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सहसपुर लोहारा ब्लॉक के सिंघनगढ़ गांव में सामने आया है, जहां जुआ-सट्टा की शिकायत करने पर 7 परिवारों के 50 लोगों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. मामले में पुलिस ने पंचायत सरपंच समेत 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.
यह भी पढ़ें : राजधानी में धर्मांतरण!, पास्टर के साथ चार के खिलाफ एफआईआर, हंगामे पर डेढ़ सौ से ज्यादा लोग हिरासत में…
पीड़ित भगवान राम साहू ने सरपंच खिलावन राम साहू उर्फ मनी साहू और अन्य ग्रामीणों के खिलाफ थाने में शिकायत की थी. पीड़ितों ने बताया कि गांव में पदस्थ आयुर्वेदिक विभाग के फार्मासिस्ट विधा सिंह धुर्वे करीब 30 साल से कार्यरत हैं. वह अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त रहता है. गांव में जुआ, शराब जैसे असामाजिक कार्यों में शामिल रहते हैं. पीड़ित परिवारों ने इसकी शिकायत क्षेत्रीय विधायक से की थी. इसकी जानकारी जब सरपंच खिलावन राम को हुई, तो वह भड़क गया. 12 जून को सुबह 11 बजे सरपंच ने गांव के हनुमान मंदिर के पास बैठक बुलाई.

तो लगेगा हजार रुपए जुर्माना
बैठक में परिवार से शिकायत वापस लेने को कहा गया. शिकायत वापस लेने से मना करने पर परिवार के लोगों को जान से मारने की धमकी दी गई. इसके साथ सरपंच ने सभी सात लोगों को गांव से बहिष्कृत कर दिया. इसके लिए सरपंच ने बाकायदा आदेश लिखकर उस पर अपनी मुहर और हस्ताक्षर कर दिए. आदेश में कहा गया कि इन सात लोगों से कोई बात नहीं करेगा, कोई दुकान सामान नहीं बेचेगी, कोई बैठक में शामिल नहीं करेगा. यदि कोई इनसे बात करेगा तो उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगेगा.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें