अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट ने 2013 के एक दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को मेडिकल आधार पर छह महीने की जमानत दी है. जस्टिस इलेश वोरा और जस्टिस आरटी वच्छानी की पीठ ने आसाराम (84) को उसके इलाज के लिए अस्थायी जमानत दी है. इससे करीब एक सप्ताह पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इसी तरह का आदेश दिया था.

अदालत ने मौखिक आदेश में कहा है कि वह आसाराम को उसी आधार पर छह महीने की जमानत दे रही है, जिस आधार पर उसे राजस्थान उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी. आसाराम के वकील ने पीठ के समक्ष राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश प्रस्तुत किया और उसकी मेडिकल ग्राउंड पर विचार करने का अनुरोध किया. गुजरात सरकार का पक्ष रख रहे वकील ने आसाराम की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसे जो उपचार सुविधाएं जोधपुर जेल में नहीं मिल पाई है वे उसे अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में उपलब्ध कराई जा सकती है. राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को आसाराम को छह महीने की जमानत दे दी थी. अदालत ने उसके वकील की इस दलील पर संज्ञान लिया कि उनका मुवक्किल लंबे समय से बीमार है और जेल में उसका उचित इलाज संभव नहीं है.

बता दें कि गांधीनगर की एक अदालत ने बलात्कार के एक मामले में आसाराम को जनवरी 2023 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत ने आसाराम को 2013 में दर्ज एक मामले में दोषी ठहराया था. उन पर आरोप था कि उसने सूरत की रहने वाली एक महिला शिष्या के साथ 2001 से 2006 के बीच दुष्कर्म किया. वह 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के एक अन्य मामले में भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें