सतना। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में अब लीपापोती का खेल शुरु हो गया है। मामले में एफआईआर कराए जाने के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

मामला जिले के मैहर सिविल अस्पताल का
मामला जिले के मैहर सिविल अस्पताल का है. मंगलवार को 3 लोगों को जारी इंजेक्शन अस्पताल स्टाफ के निजी बैग में मिले. इस मामले में अस्पताल के डाक्टर निगम, कोविड के अस्थाई स्टाफ कुशवाहा और महिला स्टाफ की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है.

इस मामले में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि मामले का उजागर मंत्री और सांसद की उपस्थिति में हुआ है. बताया जाता है कि यह सरकारी इंजेक्शन 13 हजार रुपए में खुले बाजार में पहुंचा था.

इंजेक्शन जब्त कर मामले रफा दफा करने की तैयारी
कालाबाजारी करने वालों पर एफआईआर के निर्देश के बाद भी सतना जिले के जिम्मेदारों एवं स्वास्थ्य अमला ने दोषियों पर अब तक एफआईआर नहीं कराई है. पुलिस ने भी जांच के नाम पर इंजेक्शन जब्त कर मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया है.

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