प्रतीक चौहान. रायपुर. पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण हालात बिगड़ते जा रही है. हर दिन नए मामले रिकॉर्ड बन रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन और बेड्स की कमी की खबरें सामने आ रही है. इस बीच PM मोदी आज (सोमवार) सुबह से ही कोविड महामारी से निपटने बैठक कर रहे हैं.

 PM मोदी ने आज सुबह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना संकट को लेकर बैठक की, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के प्रमुख डॉक्टरों के साथ कोरोना की स्थिति पर चर्चा की. अब शाम 6 बजे पीएम मोदी शीर्ष फार्मा कंपनियों के साथ संवाद करेंगे.

 डॉक्टरों से हुई बैठक में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से भी डॉ संदीप दवे के नेतृत्व में एक डॉक्टरों की टीम मौजूद थी, जिसमें डॉ गिरिश अग्रवाल भी मौजूद थे.

 लल्लूराम डॉट कॉम से खास बातचीत में डॉ संदीप दवे ने बताया कि इस बैठक में ज्यादा बोलने का मौका तो नहीं मिला, लेकिन जो बातचीत हुई वे काफी महत्वपूर्ण है.

 उन्होंने बताया कि इस बैठक में Neet पीजी की स्थगित की गई परीक्षा को लेकर PM मोदी से बात की गई. डॉक्टरों ने उन्हें कहा है कि यदि ये परीक्षा हो जाती तो हजारों की संख्या में डॉक्टरों की एक टीम काम करती. क्योंकि वर्तमान स्थिति अभी ये है कि जो डॉक्टर वर्तमान में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे है वह भी इफेक्टेड होते जा रहे है.

डॉ संदीप दवे ने बताया कि पहली लहर में शहरी क्षेत्रों के ही मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन अब स्थिति ये है कि मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के भी बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे है.

डॉ दवे ने सुझाव देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग को एक सेंट्रलाइज रणनीति बनाने की जरूरत है. जिसमें उन्हें डॉक्टरों से परामर्श लेने के बाद ये तय करने की जरूरत है कि मरीज को किस कैटेगिरी के अस्पताल में भर्ती किया जाना जरूरी है.

उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में आधे से ज्यादा ऐसे एप्रोच वाले मरीज है, जिन्हें भर्ती होने की जरूरत ही नहीं है. लेकिन फिर भी वे भर्ती है. वहीं दूसरी तरफ जिन्हें इलाज और बड़े सेंटर्स में भर्ती की जरूरत है उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है.

 यही कारण है कि उनका कहना है कि एक सेंट्रलाइज एडमिशन पॉलिसी बनाना चाहिए जिसमें मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे अलग-अलग कैटेगिरी में रख इलाज करना चाहिए.

डॉ दवे ने कहा कि इससे जरूरतमंद मरीज को इलाज भी मिलेगा और रेमडेसिविर समेत अन्य इंजेक्शन की जो किल्लत हो रही है वह भी नहीं होगी.

डॉ दवे ने अभी से ये चेतावनी दे दी है कि कोरोना की दूसरी लहर यही नहीं थमने वाली है. हमें तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी पड़ेगी और यदि अभी से रणनीति नहीं बनाई गई तो आने वाला समय और भी खराब हो सकता है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग का Video

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