रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के नियंत्रण और मरीजों की तत्परता से इलाज को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है. मरीजों को इलाज के लिए हर सुविधा उपलब्ध कराने में लही है. इसके तहत राज्य के दुर्गम और दूरस्थ अंचल तक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर काम किया जा रहा है. कोविड केयर सेंटर, क्वॉरंटाइन सेंटर, टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है.

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इस कड़ी में राज्य के दूरस्थ अंचल स्थित ब्लाॅक मुख्यालय बगीचा में 150 बेड का अतिरिक्त कोविड केयर सेंटर तैयार किया जा रहा है. यह कोविड केयर सेंटर डी.ए.व्ही. विद्यालय बगीचा में स्थापित किया जा रहा है. वर्तमान में ब्लाॅक मुख्यालय बगीचा में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अतिरिक्त भवन की आवश्यकता थी. इसे ध्यान में रखते हुए डी.ए.व्ही. विद्यालय बगीचा को अतिरिक्त कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है.

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4 डाॅक्टरों की नियुक्ति

इसी तरह दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा), कोरबा तथा गरियाबंद जिले में चिकित्सा अधिकारी सहित स्टाफ नर्स आदि पदों में भर्ती भी की जा रही है. इसके तहत कोरोना काल में दक्षिण बस्तर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत बनाने के लिए अभी 4 डाॅक्टरों की नियुक्ति हुई है.

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यहां मंगाए गए आवेदन

इसके अलावा कोरबा जिले में कोविड अस्पतालों में अस्थाई पदों पर भर्ती के लिए अंतिम चयन सूची जारी कर दी गई है. गरियाबंद जिले में कोविड-19 के संक्रमण से रोकथाम, नियंत्रण और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा अधिकारी के 5 पद, स्टाॅफ नर्स के 30 रिक्त पद पर आवेदन मंगाए गए हैं.

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राज्य में कोविड-19 के नियंत्रण के लिए धमतरी जिले के प्रत्येक गांव में 20-20 वालंटियर्स नियुक्त कर टीकाकरण के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. सूरजपुर जिले में जिला कलेक्टर द्वारा विद्या गैस इंडस्ट्री नयनपुर में उत्पादित ऑक्सीजन के वितरण और विक्रय हेतु नवीन आदेश जारी किया गया है, जिसमें ऑक्सीजन का विक्रय किसी भी औद्योगिक इकाई और व्यावसायिक प्रयोजन के लिए प्रतिबंधित किया गया है.

इसी तरह कोंडागांव के गांव-गांव में स्वसहायता समूह की महिलाएं जागरूकता के लिए दीवार लेखन का कार्य कर रही हैं. साथ ही घर से बाहर जाने पर मास्क लगाने, सेनेटाइजर का उपयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने संबंधी जानकारी दी जा रही है. इसमें बताया जा रहा है कि इनके पालन से काफी हद तक कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है.

इसी तरह कोरबा जिले में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए तेजी से व्यवस्थाएं की जा रही हैं. यहां वर्तमान में कोविड मरीजों के इलाज के लिए जरूरत से दोगुनी मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध है. कोरबा जिले में होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे मरीज बड़ी संख्या में तेजी से ठीक हो हैं.

जिले में अभी तक 21 हजार 311 मरीजों को सामान्य लक्षण और कोरोना प्रोटोकाॅल तथा इलाज के मार्गदर्शी निर्देशों का पालन करते हुए होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराने की सुविधा दी जा चुकी है. इनमें से अब तक 16 हजार 897 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इस तरह कोरबा जिले में होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराकर ठीक होने की दर लगभग 80 प्रतिशत है.

  • प्रदेश के दुर्गम और दूरस्थ अंचल तक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
  • ब्लाॅक मुख्यालय बगीचा में बनाया जा रहा 150 बेड का अतिरिक्त कोविड सेंटर
  • जनजागरूकता के लिए गांव-गांव में दीवार लेखन
  • दंतेवाड़ा, कोरबा और गरियाबंद में डाॅक्टर तथा नर्स की भर्ती
  • कोरबा जिले में होम आइसोलेशन में लगभग 80 प्रतिशत रिकवरी रेट

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