53 वर्षीय लोकप्रिय बॉलीवुड गायक KK यानी कृष्णकुमार कुन्नाथ के आकस्मिक निधन से पूरी इंडस्ट्री काफी दुखी है. सिंगर के फैंस इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं है कि केके अब इस दुनिया में नहीं है. अंतिम सांस लेने से पहले, गायक ने मंगलवार को कोलकाता के नजरूल मंच में प्रदर्शन किया और अपने प्रदर्शन के बाद अपने होटल लौटने के बाद अस्वस्थ महसूस करने लगे. जिसके बाद गायक को दिल का दौरा पड़ गया. आजकल लोगों में Heart Attack आना कॉमन हो गया है. फिट बॉडी, खुशहाल जिंदगी के बावजूद अचानक हार्ट अटैक आना काफी चिंता का विषय बन गया है.

हार्ट अटैक क्या होता है?

हमारे हार्ट की ब्लड सप्लाई तीन तरफ से होती है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट की नसों में ब्लॉकेज आना शुरू हो जाता है. 40% तक ब्लॉकेज ज्यादा प्रॉब्लम नहीं करता. जब ये ब्लॉकेज 70% से ज्यादा बढ़ जाता है, तो हार्ट का ब्लड फ्लो धीमा पड़ जाता है और ब्लड की पंपिंग बंद हो जाती है. इसे ही Heart Attack कहते हैं.

हार्ट अटैक की समस्या प्रमुख रूप से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण होती है. कोलेस्ट्रॉल के लिए डाइबिटीज, हाइपरटेंशन, मोटापा, ओवर ईटिंग, स्मोकिंग जैसे फैक्टर्स जिम्मेदार हैं. कई मामलों में ये जेनेटिक भी होता है. इसके अलावा फेफड़ों में क्लॉटिंग की वजह से, ब्रेन में ब्लीडिंग की वजह से, ज्यादा मात्रा में ड्रग्स लेने से, वायरल इंफेक्शन की वजह से या दिल में किसी बीमारी की वजह से भी Heart Attack आ सकता है.

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हार्ट अटैक कितना कॉमन?

दिल की बीमारियों से दुनियाभर में 1.7 करोड़ लोगों की मौत हर साल हो जाती है. भारत में करीब 30 लाख लोग हर साल कार्डियो वस्कुलर बीमारियों का शिकार होते हैं. इसमें सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि देश में कुल Heart Attack के केसेस में 50% मामले 50 साल से कम उम्र के लोगों के हैं और 25% लोग 40 साल से कम उम्र के हैं. 2000 से 2016 के बीच इस युवा आयु वर्ग में हर साल हार्ट अटैक की दर में 2% की वृद्धि हुई है.

दुनिया के मुकाबले भारतीयों में Heart Attack 8-10 साल पहले आ जाता है. कई मामलों में ये देखने को मिला है कि बिना किसी लक्षण के अचानक हार्ट अटैक आता है और हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उस व्यक्ति की मौत हो जाती है. हार्ट अटैक से पहले कई मामलों में लक्षण दिखाई देते हैं. जैसे- सीने में दर्द, भारीपन और जकड़न, एसिडिटी जैसा महसूस होना, बाएं कंधे या बाएं हाथ में दर्द महसूस होना, सांस फूलना.

हार्ट अटैक के क्या फैक्टर्स हैं?

तंबाकू का उपयोग हार्ट की बीमारी के होने के सबसे बड़े खतरे वाले फैक्टर्स में से एक है. 30 से 44 आयु वर्ग के लोगों में 26% हार्ट की बीमारी तंबाकू के उपयोग के कारण होती हैं. इसके साथ ही खराब नींद पैटर्न और तनाव से यह स्थिति और भयावह हो जाती है. भारत में 70 मिलियन से ज्यादा लोगों को डायबिटीज है. इसमें बहुत सारे युवा लोग भी शामिल हैं. इससे Heart Attack का खतरा भारतीय आबादी में बढ़ जाता है.

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हार्ट अटैक से कैसे बचें

लाइफ स्टाइल में बदलाव से प्रीमैच्योर हार्ट अटैक का रिस्क काफी कम किया जा सकता है. वॉकिंग, साइकिलिंग, जॉगिंग और स्विमिंग करने से हार्ट अटैक का खतरा 30% तक कम हो जाता है. रोजाना कम से कम 10 हजार स्टेप्स पैदल चलना चाहिए.

जंक फूड के बजाय हेल्दी फूड्स खाना चाहिए, जिसमें सब्जी, फल, मेवे, सोया और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हों. फास्ट फूड, चिप्स, बिस्किट वगैरह में ट्रांसफैटी एसिड इस्तेमाल होता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए.

युवाओं को तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. टाइम मैनेजमेंट सीखना चाहिए. आजकल लोग लैपटॉप और डेस्क पर ज्यादा वक्त बिताने लगे हैं, इसलिए योग और एक्सरसाइज दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. इसके अलावा एहतियात बहुत जरूरी है. युवाओं को नियमित रूप अपने दिल की जांच करवानी चाहिए, जिससे समय रहते ब्लॉकेज का पता चल सके.