शिमला के जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष द्वारा नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने नगर निगम द्वारा मस्जिद के तीन फलोर को हटाने के आदेश को जिला अदालत में चुनौती दी थी.
दरअसल, शिमला के संजौली मस्जिद के अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने का काम किया जा रहा है. संजौली मस्जिद के अध्यक्ष लतीफ में इस काम में देरी की वजह मजदूर और पैसे की कमी को बताया है. बतां दे कि आयुक्त कोर्ट में 6 दिसंबर को इस मामलें में सुनवाई होनी है. मोहम्मद लतीफ ने कहा है कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं.
आल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने संजौली मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने की पेशकश की थी. लेकिन वह इसके लिए अधिकृत नही थे. जिसके बाद जिला अदालत में वक्फ बोर्ड से शपथ पत्र मांगा था. वक्फ बोर्ड ने शपथ पत्र में बताया कि संजौली कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ है और अपने मस्जिद के संचालन के अधिकृत है.
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हिमाचल हाइकोर्ट पहुंचा था मामला
21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भी संजौली मस्जिद के पूरे ढांचे की वैधता को लेकर मामला पहुंचा था जिस पर अंतिम फैसला आठ हफ्ते के भीतर करने के आदेश जारी हुआ है. इस मामले के जल्द निपटारे के लिए संजौली के स्थानीय निवासियों की ओर से याचिका दायर की गई थी. मामला नगर निगम शिमला के आयुक्त की कोर्ट में लंबित है. याचिका के माध्यम से नगर निगम आयुक्त को मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने के आदेश जारी करने की मांग की गई थी.
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दी गई आठ हफ्ते की अंतिम समय 20 दिसंबर को पूरा होना है . संजौली के स्थानीय लोगों की ओर से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में पेश हुए वकील जगत पॉल का कहना है कि अगर नगर निगम आयुक्त की कोर्ट मुख्य शिकायत का निपटारा हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक नहीं करती है, तो वह इसके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे और अवमानना का मामला तैयार करेंगे.