नई दिल्ली. CBSE ने वर्ष 2021 के लिए कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए मूल्यांकन नीति घोषित कर दी है. इसके साथ ही कोरोना महामारी को लेकर रद्द की गई गई सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर सभी संशय दूर हो गए हैं. बता दें कि 10 वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम 20 जून तक घोषित किए जाएंगे.
इस नई मूल्यांकन नीति तहत ही दसवीं के छात्रों को इस साल पास किया जाएगा. बोर्ड नई स्कीम के तहत ही छात्रों को नंबर देगा और दसवीं कक्षा में पास करेगा. बोर्ड की तरफ से यह जानकारी अधिसूचना के जरिए दी गई है. गौरतलब है कि इस साल कोरोना वायरस की वजह से दसवीं कक्षा के छात्रों को इंटरनल असेसमेंट के जरिए पास किया जाएगा. बोर्ड ने आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर 10वीं बोर्ड के लिए अंक तय करने की नीति घोषित की है.
ये है नई मार्किंग स्कीम
आप खाने-पीने के शौकीन हैं? तो ये खबरें जरूर पढ़े
- Video: रेस्टॉरेंट स्टाइल में घर पर ही ऐसे बनाए पनीर टिक्का मसाला
- Perfect पानी पुरी बनाने की पूरी रेसेपी, देखे वीडियो
- Video: रूई जैसे इडली बनाएं घर में, जाने सिक्रेट रेसेपी
- रेस्टॉरेंट से भी टेस्टी घर में बनाएं पनीर करी, देंखे Video…
- घर पर ट्राय करें आलू और पनीर का ये स्नैक्स, खा कर आ जाएगा मजा…
कुल 100 नंबरों को 20 नंबर और 80 नंबर में बांटा गया है. स्कूलों द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के लिए किए गए इंटरनल मार्किंग के आधार पर 20 नंबर दिए जाएंगे. बाकी 80 नंबर छात्रों को स्कूलों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में उनके प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे. 80 नंबरों में से 10 नंबर पीरियोडिक/यूनिट टेस्ट और 30 नंबर अर्धवार्षिक और 40 नंबर प्री-बोर्ड के आधार पर मिलेंगे. यह नई मार्किंग पॉलिसी छात्रों द्वारा चुने गए 5 मुख्य विषयों के स्कोर की गणना के लिए है. अगर किसी छात्र ने छह या उससे ज्यादा विषयों के लिए पंजीकरण किया है तो उसके छठवें विषय के लिए स्कोर की गणना अधिकतम प्राप्त नंबरों में से सबसे ज्यादा 3 नंबरों के औसत नंबरों के आधार पर किया जाएगा. आपको बता दें कि जो विद्यार्थी मार्किंग के बाद भी पास नहीं होंगे तो उनको ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे. अगर विद्यार्थी ग्रेस नंबरों के बाद भी फेल होते हैं तो उनको फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा.
बोर्ड ने स्कूलों को नतीजों को अंतिम रूप देने के लिए प्रिंसिपल और 7 शिक्षकों वाली एक परिणाम समिति बनाने के लिए कहा है. जिसमें गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और दो भाषाओं के शिक्षक होने चाहिए. पड़ोसी स्कूलों के 2 शिक्षकों को समिति के बाहरी सदस्यों के रूप में चुना जाएगा. सभी स्कूलों को अपने रिजल्ट से जुड़ी प्रक्रिया ऑनलाइन अपलोड करनी होगी. स्कूलों से 25 मई तक रिजल्ट को फाइनल करने के लिए कहा गया है. बोर्ड के पास सभी स्कूल 5 जून तक रिजल्ट जमा करा देंगे.