संदीप भम्मरकर, भोपाल। एक तरफ जहां विदिशा के गंजबसौदा में चीख पुकार मची हुई थी. लोग अपनों को बचाने के लिए गुहार लगा रहे थे. इस हादसे के बाद गांव में मामत पसरा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ मौत के कुएं ने जब लाशें उगलना शुरु की तो, जिम्मेदारों ने अपने हाथ झटकने लगे हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बाद पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का गैरजिम्मेदाराना बयान सामने आया है. पीएचई मंत्री ने कहा, मुझे नहीं पता कि कुएं की देखरेख का जिम्मा किसका है.

PHE मंत्री को नहीं पता जिम्मेदारी

दरअसल, इस मौते के कुएं का निर्माण 2008 में शुरु हुआ था. पीएचई के पास कुएं का सालाना फिजिकल ऑडिट करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव को यह पता ही नहीं है कि कुएं की देखरेख का जिम्मा किसका है. उन्होंने कहा कि पीएचई विभाग का कुआं होगा तो जांच करवाएंगे. इतना ही नहीं विभागीय मंत्री ने घटना के अगले दिन भी कुएं की सुध नहीं ली.

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गृहमंत्री का गैरजिम्मेदाराना बयान

इतना ही नहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी घटना के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को अपने एक बयान में लापरवाही का जिम्मेदार तो ग्रामीणों को ही ठहरा दिया. गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि प्रशासन को सूचना देने में लोगों ने देरी की, गांव के लोगों ने सोचा वो ही कर लेंगे. जिसकी वजह से प्रशासन देरी से पहुंचा.

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ऐसे हुआ हादसा

घटना गंजबसौदा के पास लालपठार पंचायत की है. जहां एक बच्ची गुरुवार को शाम 6 बजे के आस-पास कुएं से पानी भर रही थी. जिस कुएं से पानी भर रही थी उसकी गोलाई काफी बड़ी थी. उसके ऊपर जाली लगाई गई थी और एक छोटा हिस्सा पानी निकालने के लिए छोड़ा गया था. पानी भरने के दौरान बच्ची कुएं के अंदर गिर गई. बच्ची को गिरते देख चीख पुकार मच गई. बच्ची को बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोग कुएं के ऊपर लगी जाली में खड़े हो गए. उसी दौरान जाली भी भसक गई और ऊपर खड़े तकरीबन 40 लोग उसके अंदर गिर गए.  अब तक घटना में 6 शव बरामद किए जा चुके हैं. राहत बचाव कार्य अभी जारी है. हादसे में करीब 15 लोगों को बचा लिया गया है. अभी आधा दर्जन लोग लापता हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है.

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