कुमार इंदर, जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे रेल संचालन को बढ़ाने के लिए लगातार तेज गति से काम करने में आगे रहा है। यात्री गाड़ी को 110 केएमपीएच और मालगाड़ी की 75 केएमपीएच की स्पीड देने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। पश्चिम मध्य रेल माल गाड़ियों के संचालन को गति देने के लिए सभी रेलखंडों पर कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं। पश्चिम मध्य रेलवे की अधिकतम माल गाड़ियों का संचालन बीना-कटनी रेलखण्ड पर है। यह रेलखण्ड प्रति वर्ष 79.32 मिलियन टन का परिवहन करता है। इस खंड को पश्चिम मध्य रेल ने भारी लोडेड मालगाड़ी के संचालन के लिए सशक्त बनाया है। साथ ही चुनौतीपूर्ण यात्री गाड़ी के लिए भी अधिक गति से चलाया जा रहा है।

पश्चिम मध्य रेलवे की तरफ से पिछले तीन साल से बीना-कटनी रेलखण्ड पर रेल संचालन को बढ़वा देने और औसतन 4-5 स्टालिंग (यानी गाड़ी का अटक जाना/संचालन न हो पाना) और अनुचित रेल प्रतिस्थापन, यातायात अवरोध न होने के लिए कई महत्वपूर्ण कामों को अंजाम दिया है। वहीं बीना-कटनी रेलखण्ड पर सेक्शन गति को 100 से 110 केएमपीएच तक बढ़ाया गया. जिसके परिणामस्वरूप कटनी-दमोह, दमोह-सागर और सागर-मालखेड़ी के दोनों अप एंड डॉउन पर गति बढाने से स्टालिंग न हो।

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डीपस्क्रीनिंग प्लेन ट्रैक पर कुल 54.5 किमी ट्रैक पर काम किया गया है। जिसमें खुरई-सुमरेरि डाउन ट्रैक, बाघोरा-जरूवाखेड़ा अप ट्रैक एवं पथरिया-दमोह अप ट्रैक में किया गया। डीपस्क्रीनिंग का कार्य कर मालखेड़ी, बघौरा, खुरई, ईसरवारा , सैलाया, करहिया भादौली, मकरोनिया एवं जरूवाखेड़ा के 13 पैसेंजर लूप लाइनों को अपग्रेड किया गया है।

मेनलाइन की प्राथमिक रेल नवीनीकरण एवं प्रतिस्थापन का कार्य ट्रैक की जांच के उपरांत गिरवर-गणेशगंज (डाउन एंड अप), पथरिया यार्ड डाउन मेनलाइन, गोलापट्टी-सौगोनि, सैलाया-बखलेटा, मालखेड़ी-बघौरा एवं मालखेड़ी-करोद में कुल 43.5 किलोमीटर किया गया। गति वृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण स्टेशनों पर कुल 10 किमी में रेल तथा स्लीपर का पूर्ण नवीनीकरण एवं प्रतिस्थापन का कार्य भी किया गया।

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इस रेलखण्ड में 16 एलसी गेट को भी बंद किया गया. साथ ही दो महत्वपूर्ण एलसी गेट 13 एवं 64 पर एलएचएस का निर्माण काम भी पूरा किया गया। इस रेलखण्ड पर सबसे ज्यादा 42 रेल पुलों को सुधारा गया है। जो कि यात्री गाड़ी और मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ाने में मददगार साबित हुआ। कुछ ब्रिजों पर गार्डर एवं स्लीपरों को भी बदला है, जो गति अवरोध से बचाने में काफी सहायक सिद्ध हुआ है। कुछ महत्वपूर्ण ब्रिजों जैसे सोनार, कोपरा, बेरमी एवं बोझाखो पर भी प्रकार के सरंक्षा संबंधित कार्य को पूर्ण किया गया। इसके अलावा स्पीड बढ़ाने और सुरक्षा मजबूत करने के लिए 06 यार्ड के लेआउट मे भी सुधार का कार्य किया गया।

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