रायपुर. इस तस्वीर को देखकर यदि आपको लग रहा है कि ये लौकी है तो आप गलत है… क्योंकि करीब 2.5 फीट लंबी ये लौकी नहीं है बल्कि ‘निरंजन भाटा’ यानी बैगन है. ये कमाल कर दिखाया है धमतरी के ग्राम धुमा, कुरुद के किसान लीलाराम साहू को बैगन की पारंपरिक किस्म ‘निरंजन भाटा’ को पौध किस्म संरक्षण और कृषक अधिकार के तहत सबसे लंबे बैगन के रूप में रजिस्ट्रेशन और पेटेंट प्रदान किया गया है. यह एक देशी किस्म है, जिसे लीलाराम साहू के पिता, निरंजन साहू ने वर्षों से संचित किया है.

इस बैगन की लंबाई 2 से 2.5 फीट तक होती है और लीलाराम साहू के अनुसार, यह विश्व की सबसे लंबी बैगन प्रजाति है, जो लगभग 3 महीने में फसल तैयार कर देती है. यह बैगन खाने में बेहद स्वादिष्ट और मीठा होता है, जिसमें बीज की मात्रा कम होती है. इसमें पानी की मात्रा भी कम होती है और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. आलू या अन्य सब्जियों की तरह यह आसानी से पक जाता है. दक्षिण भारत में इसका उपयोग सांबर बनाने में किया जाता है, जहां यह आसानी से घुल जाता है.

यह उल्लेखनीय है कि किसान को उनके इस कार्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा भी सम्मानित किया गया है, जो छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए गर्व की बात है.  साहू ने बताया कि यह कार्य डॉ. दीपक शर्मा, विभागाध्यक्ष, आनुवंशिकी और पादप प्रजनन विभाग और डॉ. धनंजय शर्मा (ADR), प्रमुख वैज्ञानिक, सब्जी विज्ञान विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुशल नेतृत्व में किया गया है. उन्होंने इन वैज्ञानिकों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए गर्व का विषय है कि उनकी संग्रहित किस्मों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है, जिससे निश्चित रूप से वे लाभान्वित होंगे.