नरेश शर्मा, रायगढ़. जिले में मेसर्स कंसल उद्योग के खिलाफ धान खरीदी में गंभीर अनियमितताओं के चलते 6.50 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी राजसात की गई है. कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में हुई जांच में पाया गया कि राईस मिल ने धान का उठाव तो किया, लेकिन उसके मुकाबले बहुत कम चावल जमा किया. इस मामले में संचालक द्वारा दो बार दिए गए कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं देने पर यह सख्त कार्रवाई की गई है.

कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में मेसर्स कंसल उद्योग, ग्राम-सांगीतराई की जांच की गई, जिसमें धान के उठाव के बावजूद कम चावल जमा करने की गंभीर अनियमितताएं सामने आईं. इस मामले में राईस मिल को दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, लेकिन संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया, जिससे शासन को 6.50 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति हुई.

कलेक्टर का सख्त आदेश 

कलेक्टर गोयल ने आर्थिक नुकसान को देखते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मेसर्स कंसल उद्योग द्वारा कस्टम मिलिंग के अनुबंध में जमा की गई बैंक गारंटी में से 6.50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली योग्य राशि को की राशि को राजसात करने के लिए जिला विपणन अधिकारी रायगढ़ को आदेशित किया है.

14,863.58 क्विंटल चावल कम

खाद्य अधिकारी ने जानकारी दी कि 2023-24 के खरीफ विपणन वर्ष में पंजीकृत राईस मिल मेसर्स कंसल उद्योग द्वारा 25 अगस्त 2024 को भौतिक सत्यापन किया गया. इसमें पाया गया कि अनुबंध क्रमांक एसी 012024410257 के तहत 27,948.40 क्विंटल धान का उठाव किया गया, जबकि जमा किए जाने योग्य 18,912.68 क्विंटल चावल के मुकाबले केवल 4,049.104 क्विंटल चावल ही जमा किया गया था. इस प्रकार 14,863.58 क्विंटल चावल की कमी पाई गई.

नोटिस का जवाब न देने पर कार्रवाई

शासन द्वारा धान खरीदी में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल के भुगतान के आधार पर कम पाए गए धान की कुल राशि 6 करोड़ 50 लाख 50 हजार 400 रुपये वसूली जानी है. अनावेदक को 3 सितंबर 2024 और 14 अक्टूबर 2024 को कारण बताओ नोटिस दिए गए, लेकिन मेसर्स कंसल उद्योग के संचालक ने कोई उत्तर नहीं दिया.