एग्जाम में असफलता मिलने के बाद भी पढ़ाई का जूनून हो तो कामयाबी जरूर मिलती है, जिसे तस्कीन खान ने साबित कर दिखाया है. इनकी सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है. आइए जाने हैं कैसे मॉडलिंग की दुनिया को छोड़कर उन्होंने IAS बनने का ख्वाब संजोया.
बता दें कि तस्कीन खान उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं. उन्होंने तीन बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की दी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. चौथी बार उन्होंने फिर परीक्षा दी और 736 रैंक के साथ सफलता ने उनके कदम चूम लिए. 2022 में हालात से लड़ते हुए उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की.
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हालांकि, इससे पहले उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिए नीट की परीक्षा भी दी थी. तस्कीन खान ने नीट क्वालीफाई कर लिया, लेकिन माता-पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह अपनी लाडली को डॉक्टरी की पढ़ाई करा पाते. तस्कीन एक प्रोफेशनल मॉडल ही नहीं, बास्केटबॉल की चैंपियन भी रही हैं. वह राष्ट्रीय स्तर पर डिबेटर भी रही हैं. कुदरत से प्राप्त खूबसूरती और इंटेलीजेंसी ने उन्हें न केवल मॉडल बनाया, बल्कि मिस उत्तराखंड और मिस देहरादून का खिताब जिताया.
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उन्होंने 2016-17 में इस खिताब के लिए किस्मत आजमाई थी. मिस उत्तराखंड का खिताब जीतने के बाद वह मिस इंडिया बनना चाहती थीं, लेकिन पिता की बीमारी और रिटायरमेंट के कारण उन्हें रास्ता बदलना पड़ा. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए मुंबई चलीं गईं, फिर 2020 में दिल्ली आ गईं. जामिया की फ्री प्रवेश परीक्षा के जरिये कोचिंग की और आईएएस बनीं.
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