लखनऊ. योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल पर पॉलिटेक्निक कॉलेजों में HOD भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है. इस मामले को लेकर विपक्षी दल के नेता लगातार हमलावर हैं. इन सबके बीच मंत्री आशीष पटेल ने एक पोस्ट कर अपनी ही सरकार के सूचना विभाग पर सवाल खड़ा कर दिया है. पोस्ट के जरिए ये तक कह दिया कि साजिशों के जाल बुनते रहिए, मैं डरने वालों में नहीं हूं. मैं विधायक योगेश वर्मा नहीं हूं, जो थप्पड़ खाने और अपमानित होने के बावजूद किसी मजबूरी में चुप रह गए. कोई कंकड़ फेंकेगा तो जवाब पत्थर से मिलेगा. मैं सरदार पटेल का वंशज हूं. डरना नहीं मुकाबला करना मेरी फितरत में है.

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बता दें कि सोशल मीडिया पर मंत्री आशीष पटेल ने एक पोस्ट किया है. पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा, धरनारत विधायक के साथ धरने पर बैठे और किसी बाहरी व्यक्ति से लगातार निर्देश प्राप्त कर रहे दो व्यक्ति कौन थे, जो उस समय देर रात राज्य के सबसे सुरक्षित परिसर विधानसभा में मौजूद थे, जहां सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद परिंदा भी पर नहीं मार सकता? किस पुलिस अधिकारी ने सारे नियमों को ताक पर रख कर इन्हें विधानसभा परिसर में आने की अनुगति दी?

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उन्होंने आगे कहा, 1700 करोड़ के बजट वाले राज्य के सूचना विभाग का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की अगुवाई में चल रही सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों की जानकारी आम जनमानस तक पहुंचाने की है. हालांकि, विभाग के छोटे अधिकारी इसका उपयोग कर अपनी ही सरकार के मंत्रियों के मान मर्दन और चरित्र हनन में जुटे हैं. क्या इनका काम मंत्रियों पर झूठे आरोपों को रोकने के बजाय शह देना और अधूरे तथ्यों को उपलब्ध कराकर भ्रम पैदा कर खिलाफ में खबरें छपवाना है?

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आगे आशीष पटेल ने कहा, एक बात और, कितनी भी साजिश रखें, चरित्रहनन की कोशिश करें, अपना दल (एस) सामाजिक न्याय से जुड़े मामले उठाते रहेगा. चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े, सामाजिक न्याय की आवाज बंद नहीं होगी. चाहे 69 हजार शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी का मामला हो या ऐसे ही अन्य मामले. हमारी पार्टी ने पूरी ताकत से अपनी बात रखी है और आगे भी उसी मजबूती से अपनी बात रखेंगे. अंत में कुछ लोग जो खामोश हैं ये सोच रहे हैं सच बोलेंगे जब सच के जरा दाम बढ़ेंगे.