दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े हनी ट्रैप रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें आरोपी खुद को पुलिसकर्मी बताकर निर्दोष लोगों से पैसे वसूलते थे. रैकेट के तीन सदस्यों में से दो पहले से ही दिल्ली के बिंदापुर थाना क्षेत्र में एक हनी ट्रैप मामले में वांटेड थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में नीरज त्यागी धीरो, आशीष माथुर, और दीपक साजन शामिल हैं. दिल्ली पुलिस की 3 फर्जी आईडी कार्ड, एक दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल की पोशाक, 1 कार, और 3 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.
आरोपी खुद को पुलिस अधिकारी बताते थे फिर अन्य लोगों को अपने जाल में फंसा लेते थे. गैंग के सदस्य विक्टिम लोगो को किसी लड़की के जरिए बुलाया करते थे और पुलिसकर्मी के रूप में घुसकर उन्हें धमकाकर पीड़ित शक्स से पैसे ले लिया करते थे.
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि एक मामले में एक 60 वर्षीय डॉक्टर को धमकाकर 9 लाख रुपये की उगाही की गई. लड़की ने डॉक्टर को फोन करके उसके घर बुलाया, जहां आरोपियों ने उसे गलत काम में फंसा दिया और फिर उसे धमकाकर पैसे ऐंठ लिए.
आरोपियों की पहचान
नीरज त्यागी: 2015 से दिल्ली के तिलक नगर में रहने वाला नीरज हनी ट्रैप के मामलों में शामिल था.
आशीष माथुर: दिल्ली के कराला गांव में रहने वाला आशीष 2016 से 2017 तक हनी ट्रैप रैकेट से जुड़ा था.
दीपक साजन: दीपक पहले भी हरियाणा के खरखोडदा में डकैती के मामले में गिरफ्तार हो चुका है.
फिलहाल, पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि वे अब तक कितने लोगों से पैसे वसूल चुके हैं और गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है.
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