शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार एक बार फिर से 4500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। नए वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार दूसरी बार 4500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज 2000 करोड़ और 2500 करोड़ रुपए का होगा। इसके पहले मई में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे। इस तरह चालू वित्त वर्ष में सरकार पर कर्ज की राशि 9500 करोड़ रुपए हो जाएगी जबकि कुल कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 431240.27 करोड़ रुपए हो जाएगा।

कर्ज लेने का उद्देश्य

  • कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का भुगतान
  • राज्य के विकास कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराना
  • ‘लाड़ली बहना योजना’ की किस्तें जमा करना
  • बारिश से पहले निर्माण कार्यों के खर्चों का भुगतान

कितना कर्ज ले चुकी है एमपी सरकार

मध्यप्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक 9500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। अप्रैल को छोड़कर हर महीने सरकार कर्ज लेती रही है। नए कर्ज के साथ कुल कर्ज की राशि बढ़कर लगभग 4 लाख 31 हजार 740 करोड़ रुपए हो जाएगी। माना जा रहा है कि यह कर्ज राज्य की आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मई में लिया था 5 हजार करोड़ का कर्ज

मोहन यादव सरकार ने इसके पहले 7 मई को दो कर्ज ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के लिए हैं। मई में ढाई हजार करोड़ का पहला कर्ज 12 साल के लिए सात मई को लिया गया था जिसका ब्याज सात मई 2037 तक के लिए चुकाना है। इसी तरह ढाई हजार करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज सात मई को ही 14 साल के लिए लिया गया है। जिसकी भरपाई सात मई 2039 तक ब्याज के रूप में होगी।

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