कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक प्राइवेट डॉक्टर पर इलाज में गंभीर लापरवाही का आरोप लगा है। एक पिता अपने पीड़ित मासूम बेटे के साथ कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा। वह डॉक्टर की फोटो पर माला चढ़ाकर जनसुनवाई में ही धरने पर बैठ गया। इस मामले में कलेक्टर के आदेश पर CMHO की टीम जांच में जुट गई है। वहीं मासूम ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई की गुहार लगाई है।

दरअसल, घासमंडी इलाके में रहने वाले मोनू राठौर का 9 साल का बेटा यशवर्धन जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। उसकी इस हालात के लिए शहर के शिन्दे की छावनी इलाके में प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले स्किन स्पेशलिस्ट डॉ कुलदीप सक्सेना पर गंभीर आरोप लगा है। कलेक्टर जनसुनवाई में मोनू राठौर अपने पीड़ित मासूम बेटे यशवर्धन के साथ पहुंचा। प्लास्टिक की कुर्सी पर डॉक्टर कुलदीप सक्सेना का फोटो और उस पर माला डाली गई। लेकिन यह माला सम्मान देने नहीं, बल्कि डॉक्टर को जीते जी मृत मानते हुए डाली गई।

बालों की कम ग्रोथ की समस्या को लेकर डॉक्टर के पहुंचा था पिता

कलेक्टर रुचिका चौहान ने जब इस वाक्ये को देखा तो वह भी हैरान रह गईं। कलेक्टर ने पिता-बेटे को अपने पास बुलाया और उनकी परेशानी को सुनी। पिता कलेक्टर को बताया कि साल 2019 में वह अपने बच्चे के बालों की कम ग्रोथ की समस्या को लेकर डॉ कुलदीप के पास पहुंचा था। साल 2023 तक उसका इलाज वहीं चला। इस दौरान बच्चे के बाल ग्रोथ करने की जगह पूरी तरह झड़ गए। इतना ही नहीं उसकी आंखों में दर्द के साथ बहंगापन भी आ गया। जब आइस स्पेशलिस्ट को दिखाया तो उन्होंने कहा कि किसी दवा के ड्रग को ज्यादा दिए जाने का यह साइडइफेक्ट हो सकता है।

दवाई के साइडइफेक्ट से बॉडी में हारमोंस की कमी

इसके बाद 2024 में फिर एक बार डॉ कुलदीप सक्सेना से संपर्क किया। उन्होंने इस बार दवाई बदल दी। लेकिन मासूम को आराम नहीं मिला। इस बीच ग्वालियर में ही एम्स भोपाल की ओर से कैंप आयोजित किया गया। जिसके चलते भोपाल एम्स में जाकर जब सभी जांच हुई, तो पता चला कि यशवर्धन के बाल अब कभी बढ़ नहीं आएंगे। आंखों का बहंगापन भी खत्म नहीं होगा। वहीं सबसे ज्यादा चिंताजनक बात एम्स के डॉक्टरों ने यह भी बताई कि दवाई के साइडइफेक्ट से बॉडी में हारमोंस की बहुत कमी होने के चलते उसकी शरीर की ग्रोथ भी अब नहीं होगी।

स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देने की चेतावनी

साथ ही यशवर्धन की लाइफ भी कम है। इसके चलते पिता ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए डॉ कुलदीप सक्सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मोनू राठौर का कहना है कि कलेक्टर को की गई शिकायत के जरिए मेडिकल बोर्ड मामले की जांच कर डॉक्टर की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाया जाए. यदि उससे न्याय नहीं मिला तो वह स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री आवास के बाहर बेटे के साथ धरना देने की चेतावनी दी है।

पीड़ित ने सीएम ने लगाई न्याय की गुहार

पीड़ित ने भी अपनी दर्द भरी आवाज के साथ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से कार्रवाई की गुहार लगाई है। कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है कि जिस तरह की शिकायत की गई है इसको लेकर जांच के निर्देश दिए हैं। यदि कोई भी लापरवाही सामने आएगी, तो उसे जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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