कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। डिजिटल शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। उच्च शिक्षा के छात्र छात्राएं श्रीमद् भागवत गीता और नैतिकता का पाठ पढ़ेंगे। ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय समेत मध्य प्रदेश के अन्य कॉलेजों और विश्वविद्यालय में डिजिटल शिक्षा का पाठ अनिवार्य किया गया है। श्रीमद् भागवत गीता और नैतिकता का पाठ युवाओं को नई दिशा देगा।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने वाला नवाचार है। सभी छात्रों को स्वयं पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य किया गया है। चयनित ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को पूरा करना भी आवश्यक किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने 6 प्रमुख हिंदी माध्यम के पाठ्यक्रमों की सूची जारी की है।

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  • श्रीमद् भागवत गीता: पाठ्य एवं दार्शनिक अन्वेषण
  • नैतिकता का परिचय
  • इंडियन नॉलेज सिस्टम
  • पर्यावरण अध्ययन
  • अपना आहार
  • किशोर स्वास्थ्य

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उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त प्रबल सिपाहा ने राज्य के सभी सरकारी स्वायत्तशासी और निजी शैक्षणिक संस्थाओं को निर्देश जारी किए है। श्रीमद् भागवत गीता और नैतिकता का पाठ युवाओं को नई दिशा देगा। इससे स्टूडेंट्स न केवल अकादमिक दृष्टि से समृद्ध होंगे बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ ही राष्ट्र निर्माण में भी सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।

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