Bihar Politics: 2025 के विधानसभा में राजद को मिली करारी हार के बाद पार्टी के दिग्ग्ज नेता शिवानंद तिवारी की प्रतिक्रिया सामने आई है। शिवानंद तिवारी ने लालू यादव और तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने राजद सुप्रीमो को धृतराष्ट्र बताते हुए कहा है कि वह पुत्र मोह में अंधा हो गए हैं। गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य के मोर्चा खोलने से पहले ही लालू परिवार अपने आंतरिक कलह को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। वहीं, अब शिवानंद तिवारी ने भी लालू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

शिवानंद तिवारी ने आज रविवार को अपने सोशल मीडिया पर लिखा- बिहार आंदोलन के दौरान लालू यादव और मैं फुलवारी शरीफ़ जेल के एक ही कमरे में बंद थे। लालू यादव उस आंदोलन का बड़ा चेहरा थे। लेकिन उनकी आकांक्षा बहुत छोटी थी। रात में भोजन के बाद सोने के लिए जब हम अपनी-अपनी चौकी पर लेटे थे तब लालू यादव ने अपने भविष्य के सपने को मुझसे साझा किया था।

उन्होंने बताया कि, लालू ने मुझसे कहा कि बाबा, मैं राम लखन सिंह यादव जैसा नेता बनना चाहता हूं। लगता है कि कभी कभी-ऊपर वाला शायद सुन लेता है। आज दिखाई दे रहा है कि उनकी वह इच्छा पूरी हो गई है। संपूर्ण परिवार ने जोर लगाया, उनकी पार्टी के मात्र पच्चीस विधायक ही जीते।

राजद नेता ने आगे लिखा- मन में यह सवाल उठ सकता है कि मैं तो स्वयं उस पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था। उसके बाद ऐसी बात मैं क्यों कह रहा हूं ! मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था। यह अतीत की बात हो गई। तेजस्वी ने मुझे न सिर्फ़ उपाध्यक्ष से हटाया बल्कि कार्यकारिणी में भी जगह नहीं दी। ऐसा क्यों? क्योंकि मैं कह रहा था कि मतदाता सूची का सघन पुनर्निरीक्षण लोकतंत्र के विरूद्ध साज़िश है। इसके खिलाफ राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरो, संघर्ष करो। पुलिस की मार खाओ। जेल जाओ।

उन्होंने लिखा- लेकिन वह तो सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री का शपथ ले रहा था। उसको झकझोर कर उसके सपनों में मैं विघ्न डाल रहा था। लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह बेटे के लिए राज सिंहासन को गर्म कर रहे थे। अब मैं मुक्त हो चुका हूं। फुरसत पा चुका हूं। अब कहानियां सुनाता रहूंगा।

शिवानंद तिवारी के इस पोस्ट से साफ है कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी कई किस्से साझा कर सकते हैं, जिससे लालू परिवार और तेजस्वी की और बातें सामने आने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें हासिल कर एक बार फिर से सरकार में वापसी कर ली है। एनडीए में बीजेपी को सबसे अधिक 89 सीटें, जदयू को 85, एलजेपी आर को 19 और हम को 5 और आरएलएम को 4 सीटों पर जीत हासिल हुई।

वहीं, महागठबंधन की बात करे तो राजद को 25, कांग्रेस को 6, माले को तीन, सीपीएम के 1-1 सीटों पर जीत हासिल हुई। ओवैसी की एआईएमआईएम को 5 सीटें और बसपा को एक सीट मिली।

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