पटना। शहर में असिस्टेंट इंजीनियर बहाली को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी सड़क पर उतर आए और विश्वेश्वरैया भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। ये सभी उम्मीदवार बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित असिस्टेंट इंजीनियर परीक्षा में शामिल हुए थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ हो रही हैं और मेहनत व मेरिट की अनदेखी की जा रही है।
संविदा कर्मियों को प्राथमिकता देने का आरोप
प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थी पुष्कर राज ने कहा कि रिक्तियों में फ्रेशर्स को दरकिनार किया जा रहा है और संविदा कर्मियों को प्राथमिकता दी जा रही है। कई संविदा कर्मियों का चयन एक साथ तीन-चार विभागों में हो रहा है जबकि योग्य फ्रेशर्स नौकरी के लिए भटकने को मजबूर हैं।
मेहनत के बावजूद मौका नहीं – अभ्यर्थियों की नाराजगी
शिवम कुमार ने कहा कि फ्रेशर्स ने कड़ी मेहनत से लिखित परीक्षा पास की लेकिन चयन प्रक्रिया इस तरह बनाई गई है कि संविदा कर्मियों का चयन लगभग तय हो रहा है। इसके कारण नए अभ्यर्थियों को बराबरी का अवसर नहीं मिल पा रहा।
वेटेज नियमों में बदलाव का आरोप
अभ्यर्थियों के अनुसार नियमों में स्पष्ट था कि संविदा कर्मियों को अनुभव के आधार पर वेटेज अंक मिलने चाहिए एक वर्ष पर 5 अंक, अधिकतम 25 अंक तक। लेकिन अब नियम बदलकर 25 अंकों की जगह 25 प्रतिशत वेटेज दे दिया गया है। उनका कहना है कि 400 अंकों की परीक्षा में संविदा कर्मियों को करीब 133 अतिरिक्त अंक मिल रहे है जिससे मेरिट लिस्ट प्रभावित हो रही है और फ्रेशर्स के साथ अन्याय हो रहा है।
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