नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्णय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश तक शिवलिंग को संरक्षित रखा जाये. इसके साथ शिवलिंग को नहीं छूने और सुरक्षित रखने को कहा है. वहीं वाराणसी की जिला अदालत में दायर एक अन्य याचिका पर 5 दिसंबर तक सुनवाई टल गई है. इसे भी पढ़ें : राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषी रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला…

साल 1991 का विवाद ज्ञानवापी मस्जिद के अस्तित्व पर सवाल खड़े करता है. दरअसल 1991 में कोर्ट में एक केस दर्ज हुआ था, जिसमें ये दावा किया गया था कि जिस जगह पर ज्ञानवापी मस्जिद बनी है, वो काशी विश्वनाथ की जमीन है और इस जगह पर छोटे-छोटे मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है.

अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी की ओर से वरिष्ठ बकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने दलील पेश की. वहीं दूसरी ओर कुछ हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने दलील दी. हिंदू पक्ष ने अपील की थी कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जांच करवाई जाए. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 सितंबर 2021 को इस केस में ASI के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी.

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