धर्मेंद्र ओझा, भिंड। सरकार एजुकेशन सिस्टम बेहतर होने का दावा करती है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया करती है. भिंड जिले में बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जहां बिल्डिंग जर्जर होने के कारण बच्चे नीम के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. बिल्डिंग क्षतिग्रस्त होने की जानकारी प्रिंसिपल ने अधिकारियों को दे दी है. इसके बाद भी जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं है.

दरअसल, यह मामला भिंड जिले के बहादुरपुर गांव का है. जहां शासकीय माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6वीं से लेकर 8वीं तक के बच्चों की संख्या 115 है. पूरे स्कूल में एक ही रूम है. जिसमें लगभग 35 से 40 बच्चे बैठ पाते हैं. बाकी बच्चों को नीम के पेड़ के नीचे पढ़ना पड़ता है. प्रभारी प्रधान अध्यापक राजेश सिंह चौहान ने कई बार मीटिंग के दरमियान जिले के अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत भी की. फिर भी संबंधित अधिकारियों ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

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बिल्डिंग की हालत पूरी तरह से जर्जर है. अगर कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? जिस दिन यदि बारिश होने लगे तो बच्चों की क्लास नहीं लग पाती है. क्योंकि बच्चों को नीम के पेड़ के नीचे बैठना पड़ता है. एक कमरे में 115 बच्चे नहीं बैठ सकते. इसीलिए 75 बच्चों को नीम के पेड़ के नीचे पढ़ना पड़ता है. अब देखना होगा कि अधिकारी जर्जर बिल्डिंग को लेकर कोई कदम उठाते हैं या नहीं.

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