शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर समेत कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मांग पर सभी आरोपियों से जेल में पूछताछ करने की अनुमति दी है। मामले में अब अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।

बता दें कि इससे पहले EOW ने कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर समेत कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर का नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने की अनुमति के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया था। इसके विरोध में बचाव पक्ष ने आज कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई है। अब 26 अक्टूबर को दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी। सभी आरोपी फिलहाल EOW की न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल में बंद हैं।

ईओडब्ल्यू के वकील सौरभ कुमार पांडे ने बताया कि कोयला घोटाला मामले में ईडी की जांच चल रही है। अनुसंधान में कई जानकारियां सामने आई हैं। साथ ही कई लोगों के बयान में गिरफ्तार आरोपियों की संलिप्तता की जानकारी मिली है, जिसकी पुष्टि के लिए कोर्ट से पूछताछ की अनुमति मांगी गई है।

क्या है कोयला घोटाला मामला?

छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था। इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था।

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