अमित मंकोडी, आष्टा(सीहोर)। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में भुजरिया पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। गांव में लहंगे गीतों संग किसानों ने अनोखे अंदाज में भुजरिया मनाई। ढोल की थाप और पारंपरिक नृत्य पर भुजरिया सर पर रखकर नाचते हुए विधायक और इंजीनियर नजर आये। परंपरा और संस्कृति को जीवंत रखने का अनोखा नजारा भुजरिया पर्व में देखने को मिला।
पानी में भी नाचते और लहंगे गीत गाते दिखे
भुजरिया पर्व पर किसानों ने लहंगे गीत गाए, ढोल-मजीरे की थाप पर नाचते हुए गांव में शोभायात्रा निकाली। लकड़ी के ऊपर नाचते कलाकारों ने माहौल को और भी रंगीन बना दिया। रक्षाबंधन के पड़वा के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व में ग्रामीण नदी में उतरकर पानी में भी नाचते और लहंगे गीत गाते दिखे।
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ढोल की थाप पर झूमते हुए नजर आए
इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह कुशवाहा समाज के साथ लकड़ी और ढोल की थाप पर झूमते हुए नजर आए। इस अनोखी परंपरा में ग्रामीण महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हुए। ढोल की थाप और गीतों की मिठास ने पूरे गांव को भक्ति और लोक-संस्कृति की धुन में बांध दिया। ग्रामीणों ने कहा- संस्कृति को जिंदा रखने के लिए सिर्फ भाव और समर्पण चाहिए।
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