शरद पाठक, छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा के परासिया विकासखंड में किडनी इन्फेक्शन से 11 बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया है। बीएस की गंभीर धारा में मामला दर्ज किया है, जिसमें 10 साल तक की सजा है।
परासिया के सिविल अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीन सोनी 15 दिन के अवकाश पर थे और और अपने निजी क्लीनिक में बच्चों का इलाज कर रहे थे। किडनी इन्फेक्शन से जिन 10 बच्चों की मौत हुई है उनमें से 7 बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीन सोनी के क्लीनिक में हुआ था। सभी को कोल्डरिफ और नेस्ट्रो डीएस दवाइयां दी गई थी। डॉक्टर के क्लीनिक के बाजू में ही उनकी पत्नी “अपना मेडिकल” के नाम से मेडिकल स्टोर चलाती हैं, जहां से दवाइयां बेची गई थी।
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निजी क्लीनिक में किया था इलाज
परासिया एसडीएम शुभम कुमार यादव ने बताया है कि 10 में से 7 बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीन सोनी के निजी क्लीनिक में किया गया था। वह काफी अनुभवी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। ज्यादातर लोग उनके पास इलाज करने जाते हैं। डॉक्टर प्रवीन सोनी का कहना है कि वह कहीं बाहर जाने वाले थे लेकिन अचानक उनका प्रोग्राम रद्द हो गया। मौसमी बीमारी के मरीज उनके पास आ रहे थे तो वे उनका इलाज कर रहे थे। उनके पास हर दिन 100 से 200 बच्चे इलाज के लिए आते हैं, जिनमें से अधिकतर को वे यही सिरप लिख रहे थे।
इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं- डॉक्टर प्रवीण सोनी
डॉक्टर प्रवीण सोनी ने बताया कि वे करीब 40 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिसमें से 15 सालों से सर्दी, जुकाम और बुखार के लिए बच्चों को लगातार ये दवाइयां देते आ रहे हैं, लेकिन ऐसा मामला कभी नहीं आया है। अगर दवाई में कोई मिलावट है तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि आखिर इन दवाइयां में क्या गड़बड़ी है।
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दो सिरप के स्टॉक बैन
छिंदवाड़ा ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा ने बताया कि “दो सिरप के स्टॉक को बैन किया गया है, जो जबलपुर के कटारिया फार्मा से छिंदवाड़ा के तीन फार्मा की दुकानों को सप्लाई किया गया था। coldrif सिरप की 660 बोतल दवाइयां के स्टॉक में से 594 छिंदवाड़ा की तीन फार्मा दुकानों को भेजा गया था। छिंदवाड़ा की तीनों फार्मा के पास से स्वास्थ्य विभाग ने जब्त किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कफ सिरप को लेकर केंद्र ने एडवाइजरी जारी की, हमारी सरकार क्या सो रही थी ? ऐसे मामले में प्रोटोकॉल के तहत 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट आना चाहिए और सरकार ने 6-6 दिन लगा दिए। वहीं सिंघार ने इस मामले में जल्द न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में नशे का व्यापार भी चल रहा है और इस तरह के सिरप भी। इस मामले में जल्द निष्पक्ष कार्रवाई हो।

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